पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनातनी के बीच भारत ने दुनिया के सबसे अचूक टैंक माने जाने वाले टी-90 भीष्म टैंक को तैनात कर दिया है.
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नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनातनी के बीच भारत ने दुनिया के सबसे अचूक टैंक माने जाने वाले टी-90 भीष्म टैंक को तैनात कर दिया है. भारतीय सेना ने अपने सबसे घातक हथियार को लद्दाख पहुंचा दिया है. जी हां...दुनिया के सबसे बेहतरीन टैंकों में से एक टी-90 भीष्म टैंक लद्दाख में तैनात कर दिए गए हैं. ZEE NEWS की भारतीय सेना पर सबसे बड़ी World Exclusive से आपको अंदाजा लग गया होगा कि चीन को जवाब देने के लिए भारतीय सेना की कितनी बड़ी तैयारी है.
इससे जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि भारत का बाहुबली टी-90 भीष्म टैंक जून महीने में ही लद्दाख में दुश्मन के मंसूबों को तबाह करने के लिए तैनात किए गए हैं. इसकी तैनाती के साथ ही ये लद्दाख में इसे भारतीय सेना का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन कहा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इनकी तैनाती का मतलब है कि भारतीय सेना युद्ध जैसे हालात के लिए हर पल तैयार है.
इसके माध्यम से भारत ने ये भी साफ संदेश दे दिया है कि सीमा पर चीन का अतिक्रमण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सिर्फ इतना ही नहीं इसमें ये संदेश भी छुपा है कि दुश्मन की चाल से एक कदम आगे बढ़ते हुए रणनीतिक और सामरिक लिहाज से भारत ने दुश्मन पर बढ़त भी हासिल कर ली है. इससे सरहद पर भारत की पोजिशनिंग इतनी मजबूत हो गई है कि घुसपैठ के इलाके से चीन को पीछे हटना ही होगा.
क्यों खास है T-90 टैंक
लद्दाख में T-90 टैंक की तैनाती भारत का चीन को जवाब है. T-90 की पूर्वी लद्दाख में तैनाती सेना की जबरदस्त तैयारी को बताता है. दरअसल चीन के साथ मई के महीने में तनाव बढ़ना शुरू हो गया था. सूत्रों के मुताबिक चीन बख्तरबंद गाड़ियों को ला रहा था. चीन के पास बढ़िया T-95 टैंक है जोकि T-90 से ज्यादा नहीं बल्कि बराबर या कमतर ही है. ऐसे में चीन अगर आक्रामक हमला करता है तो T-90 टैंक उसका बड़ा जवाब है. इसलिए जून की शुरुआत में वहां पहुंचाया गया.
इसकी खूबियों पर आइए डालते हैं एक नजर:
- यह भारत का प्रमुख युद्धक टैंक है. इसका आर्मर्ड प्रोटेक्शन शानदार है
- जैविक और रासायनिक हथियारों से निपट सकता है
- शुरुआती टैंक रूस में बन कर आए थे.
- 60 सेकंड में 8 गोले फायर करता है
- टैंक में अचूक 125 Mm की मेन गन
- 6 Km दूर मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता
- 48 टन वजन, दुनिया के हल्के टैंकों में एक
- दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता
- मिसाइल हमले को रोकने वाला कवच
- शक्तिशाली 1000 हॉर्स पावर का इंजन
- 72 Km/घंटे की तेज़ रफ्तार
- एक बार में 550 Km की दूरी तय करने में सक्षम
लद्दाख में भीष्म टैंक का मतलब समझिए
1. लद्दाख में भारतीय सेना का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन
2.भारतीय सेना अब युद्ध जैसे हालात के लिए तैयार
3. भारतीय सेना अब दुश्मन से एक कदम आगे
4. सीमा पर चीन का अतिक्रमण अब बर्दाश्त नहीं
5. घुसपैठ के इलाके से चीन को पीछे हटना ही होगा
क्यों जरूरी ?
1. भारत और चीन के बीच सीमा स्पष्ट नहीं
2. भारतीय सीमा में अक्सर घुसपैठ करता है चीन
3. लद्दाख में सीमा पर लगातार तनाव की स्थिति
4. तिब्बत में चीन की सेना के टैंक मौजूद
5. अक्साई चिन पर चीन का अवैध कब्जा
भारतीय सेना की 'भीष्म शक्ति'
- टी 90 भीष्म दुनिया के ताकतवर टैंक में एक
- भारतीय सेना के पास चीन से ज्यादा टैंक
- भारतीय सेना के पास कुल 4292 टैंक
- चीन की सेना के पास सिर्फ 3500 टैंक
- भारतीय सेना के पास चीन से 800 टैंक ज़्यादा
लद्दाख में 'भीष्म' पराक्रम
- लद्दाख के खुले मैदान में टैंक महत्वपूर्ण हथियार
- लद्दाख के डेमचौक और स्पांगुर गैप में रेतीली जमीन
- रेतीली जमीन पर तेजी से आगे बढ़ सकते हैं टैंक
- डेमचौक और स्पांगुर गैप से चीन का हाईवे 50 किमी दूर
- भारतीय टैंकों का आसान निशाना बनेगा चीन का हाईवे
सरहद पर भारत की चौकसी के संदर्भ में पैंग्यांग इलाके के काउंसिलर के स्टांजिन ने Zee News को वहां के ताजा हालात की जानकारी दी. के स्टांजिन दो दिन पहले पैंग्यांग से वापिस आए हैं. उन्होंने कहा कि पैग्यांग समेत कई इलाकों में भारी तादाद में सेना को तैनात किया गया है. ग्रामीण इलाकों में हालात सामान्य हैं, हमारा दावा फिंगर 8 तक रहता है. हम पैंग्यांग से चीन का बॉर्डर मानते ही नहीं हैं. तिब्बत का बॉर्डर कहना चाहिए.