शव से बदबू आने पर मामले का खुलासा हुआ. दरअसल, शव को घर में रख तांत्रिक उसे जिंदा करने की कोशिश कर रहे थे.
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सवाई माधोपुर, अरविंद सिंह. राजस्थान के सवाई माधोपुर के गंगापुरसिटी से एक रोंगटे खड़ी कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक घर से गलभग डेढ़ महीने पुराना युवती का शव मिला है. शव से भयंकर बदबू आने पर मामले का खुलासा हुआ. दरअसल, शव को घर में रख तांत्रिक उसे जिंदा करने की कोशिश कर रहे थे. यही नहीं, युवती की बहन को उसके माता-पिता ने घर में कैद कर रखा था. वह किसी तरह वहां से निकलकर अपने भाई के पास गई और मामले के बारे में बताया. पुलिस ने युवती के माता-पिता सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है.
दरअसल, सवाई माधोपुर के इंदिरा मार्केट में ताराचंद नाम का व्यक्ति अपनी पत्नी उर्मिला और दो बेटियों के साथ रहता था. उसकी छोटी बेटी सोमवार को अपने भाई के पास पहुंची. उसने भाई को बताया कि उसने बड़ी बहन अनिता (35) को 14 जनवरी से नहीं देखा है. वह घर में ही है और उसके साथ कुछ गलत हुआ है. इसके बाद भाई-बहन मंगलवार को पुलिस के पास पहुंचे. मंगलवार देर रात पुलिस दोनों को लेकर उनके घर गई, यहां का नजारा देख सभी के होश उड़ गए.
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कमरे में इस अवस्था में मिला शव
कमरे में सड़ी-गली अवस्था में अनीता की लाश पड़ी थी. शव से भयंकर बदबू आ रही थी. पुलिस ने कार्रवाई शुरू की तो उसके माता-पिता ने पुलिस को शव को हाथ लगाने से मना कर दिया और कहा कि यह अभी जिंदा हो जाएगी. गंगापुरसिटी के पुलिस अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने बताया कि ताराचंद और उसकी पत्नी उर्मिला को हिरासत में ले लिया गया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया गया.
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मां-बाप को तांत्रिकों पर था भरोसा
मृतका के भाई ने बताया कि वह तीन भाई और दो बहने हैं. तीनों भाइयों की माता-पिता से नहीं बनती इसलिए वह सब अलग रहते हैं. दो भाई गंगापुरसिटी में और एक हरियाणा के वल्लभगढ़ में रहता है. उसने बताया कि दोनों बहनों की अभी शादी नहीं हुई थी इसलिए वो मां बाप के पास ही रहती थीं. उसने बताया कि मां-बाप भूत-प्रेत और तांत्रिकों में विश्वास रखते हैं.
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क्या है पूरा मामला
मृतिका के भाई श्याम सिंह राजपूत ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि उसकी बहन अनिता पर भूत-प्रेत का साया होने की बात कहकर करीब 12 साल पहले चार तांत्रिकों गजेंद्र, गोपाल सिंह, बंटी, मंजू व नीटू ने इलाज किया. इसके बाद उन्होंने मां-बाप को बताया कि अब वह ठीक हो गई है और उसके शरीर में देवी का प्रवेश हो गया है. इसके बाद उन तांत्रिकों ने घर में मंदिर बनवाया. वहीं गद्दी लगाकर अनीता को बिठाया और उससे गांव के लोगों का इलाज कराने लगे.
जानकारी के मुताबिक बीते 14 जनवरी को अनिता अचानक बीमार हो गई. उसका इलाज इन तांत्रिकों ने ही किया और डाक्टरों को नहीं दिखाने दिया. तांत्रिकों ने ताराचंद और उसकी उसकी पत्नी को डरा दिया कि अगर डाक्टरों के पास ले गए तो वह मर जाएगी. अगले दिन अनिता बेहोश हो गई. तांत्रिकों ने अनिता को एक कमरे में बंद कर दिया और उसके माता-पिता को कभी-कभी ही कमरे में जाने देते थे. श्याम सिंह ने पुलिस को बताया कि तांत्रिकमां-बाप को कहते कि अनिता जिंदा है और डेढ़ माह में लौट आएगी. पिछले तीन-चार दिन से कमरे से बदबू आने लगी तो मेरी बहन ने आकर हमें सारी बात बताई.