असम के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को अहमियत देने और एनआरसी को महत्व नहीं देने का भी आरोप लगाया.
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गुवाहटी: कांग्रेस नेता तरूण गोगोई का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारत के महापंजीयक और एनआरसी के प्रदेश संयोजक को लगाई गई डांट असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे में खामियों को लेकर पार्टी द्वारा किये गये दावों की पुष्टि करती है. यह आरोप लगाते हुए कि अधिकारियों पर आरएसएस और बीजेपी का दबाव था, गोगोई ने गुरुवार को दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट को एनआरसी अधिकारियों की ईमानदारी पर संदेह है.
असम के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को अहमियत देने और एनआरसी को महत्व नहीं देने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा,‘हम लगातार कह रहे हैं कि एनआरसी का मसौदा खामियों से भरा है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकारियों को यह निर्देश दिया जाना कि शुद्ध एनआरसी तैयार करना उनकी जिम्मेदारी है, हमारे दावों की पुष्टि करता है.’
राष्ट्रपति से मिला विपक्ष का मंत्रिमंडल
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदल सहित विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से एक भी भारतीय नागरिक को बाहर नहीं रखा जाए.
प्रतिनिधिमंडल ने कोविंद को एक ज्ञापन सौंपकर सरकार पर राष्ट्र के लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कमतर करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि मसौदा एनआरसी में 40 लाख भारतीय सूची से बाहर हो गए हैं. उन्होंने दावा किया कि एनआरसी में 40 लाख से अधिक भारतीय नागरिक बाहर हो गए हैं जिसमें बंगाली, असमिया, राजस्थानी, मारवाड़ी, बिहारी, गोरखा, पंजाबी और उत्तर प्रदेश, दक्षिणी राज्यों के लोग और आदिवासी शामिल हैं जो लंबे वक्त से असम के निवासी हैं.
(इनपुट - भाषा)