'जिस तरह से कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने जो बयान दिया है उससे साफ जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस के दबाव में आकर काम कर रही है और इसी का नतीजा है कि सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी गई है.'
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नई दिल्लीः राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुनवाई टलने से साधू समाज के साथ ही अन्य वर्गों में भी काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. राम मंदिर पर सुनवाई टलने से राम मंदिर निर्माण से जुड़े नेता विनय कटियार ने भी नाराजगी जाहिर की है. विनय कटियार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस के दबाव में लिया फैसला बताते हुए कहा कि 'बर्दाश्त की भी सीमा होती है, आखिर कब तक हमें राम मंदिर के निर्माण का इंतजार करना होगा.' उन्होंने आगे कहा कि 'जिस तरह से कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने जो बयान दिया है उससे साफ जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस के दबाव में आकर काम कर रही है और इसी का नतीजा है कि सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी गई है.'
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राम मंदिर पर सुनवाई टलना दुखद- केशव प्रसाद मौर्य
वहीं विनय कटियार के साथ ही केशव प्रसाद मौर्य ने भी राम मंदिर पर सुनवाई टलने को लेकर नाराजगी जाहिर की है और अयोध्या मामले पर सुनवाई टलने को एक बुरा संदेश बताया है. बता दें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट की नई बेंच ने इसे जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया है. बता दें मुद्दे पर जनवरी 2019 के बाद सुनवाई का पक्ष मुस्लिम पक्षकार कपिल सिब्बल की ओर से रखा गया था, जिसके बाद अब साधू समाज सहित राम मंदिर निर्माण में एक्टिव सभी नेता इसका भारी विरोध कर रहे हैं.
जनवरी 2019 तक टली सुनवाई
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अयोध्या विवाद पर होने वाली सुनवाई टल गई है. सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने इस मामले को अगले साल जनवरी के लिए टाल दिया है. सुप्रीम कोर्ट अब जनवरी के पहले सप्ताह में मामले की सुनवाई की अगली तारीख तय करेगा. CJI गोगोई ने इस बात को स्पष्ट किया कि अयोध्या मामले में तुरंत सुनवाई नहीं होगी.