तिरुपति मंदिर मामला : मंदिर से हटाए जाएंगे गैर हिंदू कर्मचारी, सरकार देगी नौकरी
Advertisement

तिरुपति मंदिर मामला : मंदिर से हटाए जाएंगे गैर हिंदू कर्मचारी, सरकार देगी नौकरी

राज्य सरकार ने मंदिर में तैनात 44 गैर हिंदू कर्मचारियों को अन्य विभागों में नौकरी देने की बात कह कर मामले को शांत करने की कोशिश की है. 

तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश के तिरुमाला स्थित भगवान वेंकटेश्वर के तिरुपति बाला जी मंदिर में गैर हिंदू कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला तूल पकड़ने के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में दखल दिया है. राज्य सरकार ने मंदिर में तैनात 44 गैर हिंदू कर्मचारियों को अन्य विभागों में नौकरी देने की बात कह कर मामले को शांत करने की कोशिश की है. 

  1. मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर है रोक
  2. मंदिर में पाए गए 44 गैर हिंदू कर्मचारी 
  3. राज्य सरकार देगी कर्मचारियों को नौकरी

क्या है मामला : तिरुपति बालाजी मंदिर में काम पर केवल हिंदुओं को रखने का नियम है. यहां गैर हिंदू को नौकरी पर नहीं रखा जाता है. लेकिन एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें यहां तैनात एक महिला कर्मचारी को स्थानीय चर्च में प्रार्थना करते हुए दिखाया गया. इस महिला की पहचान तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम के डिप्टी एक्जिक्यूटिव अधिकारी स्नेह लता के रूप में हुई. स्नेह लता पर आरोप है कि, वह हर रविवार को मंदिर की कार से चर्च जाती हैं.

इस मामले में प्रबंध समिति तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम (टीटीडी) ने जांच शुरू की तो पता चला कि मंदिर में एक-दो नहीं बल्कि 44 गैर हिंदू कर्मचारी तैनात हैं. जांच में पता चला कि आरोपी महिला की नियुक्ति 1986 में हुई थी. हालांकि जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उस वक्त मंदिर में गैर हिंदुओं को नौकरी पर रखने की मनाही नहीं थी और ये नियुक्तियां आरक्षण का नियम लागू करते हुए की गई थीं. 1988 में मंदिर में गैर हिंदुओं को नौकरी पर नहीं रखने का नियम लागू हुआ था. वीडियो वायरल होने पर विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे को उठाया और मंदिर समिति से मांग की कि गैर हिंदू कर्मचारियों को तुरंत मंदिर से निकाला जाए.

fallback
तिरुपति मंदिर में तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने 5 करोड़ के सोने के आभूषण चढ़ाए थे

तिरुपति मंदिर में तेलंगाना के CM ने 5 करोड़ के सोने के आभूषण चढ़ाए

राज्य सरकार ने लगाई रोक :2007 में आंध्र प्रदेश सरकार ने निर्देश जारी किए थे कि वेंकटेश्वर भगवान की धरती तिरुमाला हिंदू श्रद्धालुओं की ही रहेगी. दूसरे धर्मों का यहां प्रचार-प्रसार निषेध रहेगा. सरकार ने मंदिर और उससे जुड़े शिक्षण संस्थानों में गैर हिंदुओं की नियुक्ती न करने का आदेश दिया था. इस बार नए साल के मौके पर भी राज्य सरकार ने मंदिरों में नए साल का जश्न मनाने पर रोक लगा दी थी. सरकार के विधि विभाग की तरफ से कहा गया था कि नए साल का जश्न हिंदू संस्कृति के खिलाफ है. 

fallback
श्रद्धालुओं के बीच मंदिर के इन लड्डुओं की काफी मांग रहती है. इसकी कीमत 10 से 25 रुपये के बीच है.

सरकार देगी नौकरी : टीटीडी के एक्जिक्यूटिव ऑफिसर अनिल कुमार सिंघल ने बताया कि सभी 44 गैर हिंदू कर्मचारियों को नोटिस देकर उनसे इस मामले जवाब मांगा गया है. उन्होंने कहा कि इन लोगों को राज्य सरकार के दूसरे विभागों में भेजने पर विचार किया जा रहा है. आंध्र प्रदेश सरकार भी इन कर्मचारियों को अपने विभागों में रखने पर राजी हो गई है.

fallback
मंदिर में रोजाना करोड़ों रुपये का चढ़ावा चढ़ता है, बड़े पैमाने पर लोग सोना भी चढ़ाते हैं

सबसे अमीर मंदिर : तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है. तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है. यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है. यहां पर बालाजी को भगवान वेंकटेश्वर के नाम से जाना जाता है. बीते साल मंदिर प्रबंधन समिति ने 2,780 किलोग्राम सोना 12 साल के लिए बैंक में जमा कराया था. इस मंदिर में की कुलसंपत्ति 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक है. यहां रोजाना करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है. त्योहारों के समय पर यह चढ़ावा कई गुना बढ़ जाता है. चूंकि यहां दूसरे धर्मों के लोग काम नहीं कर सकते हैं, लेकिन वे दर्शन की इच्छा जताकर रजिस्टर में एंट्री करके मंदिर में जा सकते हैं.

लड्डुओं की है भारी मांग : यहां मिलने वाले लड्डुओं को मंदिर का असली प्रसाद माना जाता है. इस मंदिर के पास एक बड़े रसोईघर में इन लड्डुओं को तैयार किया जाता है. श्रद्धालुओं के बीच इन लड्डुओं की काफी मांग होती है. देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले लोग मंदिर से इस लड्डू को ज़रुर खरीदते हैं. तिरुमाला बालाजी मंदिर प्रशासन इन लड्डुओं को पिछले 11 वर्षों से 25 रुपये प्रति लड्डू के हिसाब से बेच रहा है जबकि इसकी असली लागत 32 रुपये 50 पैसे प्रति लड्डू आती है. जो लोग मुफ्त दर्शनों वाली लाइन में कई घंटे तक खड़े रहते हैं उन्हें प्रति लड्डू सिर्फ 10 रुपये चुकाने पड़ते हैं.

Trending news