FAKE NEWS पर सरकारी आदेश वापस, राहुल बोले - साफ दिख रहा है, बढ़ रही है घबराहट
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FAKE NEWS पर सरकारी आदेश वापस, राहुल बोले - साफ दिख रहा है, बढ़ रही है घबराहट

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को फर्जी खबरों पर लगाम कसने के लिए उपायों की घोषणा की थी. इसमें कहा गया था कि यदि कोई पत्रकार फर्जी खबर बनाते या उसका प्रसार करते हुए पाया गया तो उस पत्रकार की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो, साभार - PTI)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने फर्जी समाचारों के बारे में सरकार द्वारा जारी और अब वापस लिये जा चुके दिशानिर्देशों को लेकर आज केन्द्र पर हमला बोला और कहा कि ऐसा हो नहीं सकता कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इससे ‘‘अनभिज्ञ’’ हों. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को फर्जी खबरों पर लगाम कसने के लिए उपायों की घोषणा की थी. इसमें कहा गया था कि यदि कोई पत्रकार फर्जी खबर बनाते या उसका प्रसार करते हुए पाया गया तो उस पत्रकार की मान्यता रद्द कर दी जाएगी. मीडिया समुदाय एवं विपक्षी दलों के तीखे विरोध और प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद इन दिशानिर्देशों को वापस ले लिया गया.

राहुल ने साधा निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘फर्जी खबर संबंधी दिशा निर्देश को लेकर बढ़ते क्रोध को भांपते हुए प्रधानमंत्री ने अपने स्वयं के आदेश पर पलटी मार ली. स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि नियंत्रण हट रहा है और घबराहट बढ़ रही है.’’ उन्होंने इस ट्वीट को ‘‘बस एक और साल’’ हैशटैग के साथ किया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने एक प्रश्न के उत्तर में संवाददाताओं से कहा कि इस सरकार की मानसिकता है कि केवल उसकी बात ही जनता के सामने जाए. उन्होंने दावा किया, ‘‘जहां तक फेक न्यूज की बात है, उसका सबसे अधिक लाभ अगर किसी नेता को मिला है, तो वह नरेन्द्र मोदी हैं और किसी राननीतिक दल को मिला है तो वह भाजपा है.’’ 

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उन्होंने कहा कि हमारी संसदीय प्रणाली में एक ‘‘अधिनायकवादी सरकार’’ चल रही है, जहां सत्ता, निर्णय एवं नीति का केंद्रीयकरण हो चुका है. सब निर्णय एक कार्यालय से होते हैं. उन्होंने कहा कि यह संभव ही नहीं हो सकता कि फर्जी खबरों के दिशानिर्देशों वाली इतनी बड़ी बात हो और प्रधानमंत्री उससे ‘अनभिज्ञ’ हों.

'कौन यह तय करेगा कि कौन सी खबर फर्जी है'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने सवाल किया कि क्या यह कदम संवाददाताओं को प्रतिष्ठान को असहज करने वाली खबर देने से रोकने का प्रयास है? उन्होंने यह भी सवाल किया कि कौन यह तय करेगा कि कौन सी खबर फर्जी है. उन्होंने हैरत जतायी कि क्या नियमों का उपयोग संवाददाताओं को परेशान करने के लिए किया जाएगा.

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘फासीवाद अपने चरम पर पहुंच गया है क्योंकि हिल चुकी मोदी सरकार अपने झूठ के जाल में फंस गई है तथा त्रुटिपूर्ण नियमों के जरिये वह मीडिया में सभी स्वतंत्र आवाजों को दबाना चाहती है.’’ 

(इनपुट - भाषा)

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