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नई दिल्ली: नोएडा सेक्टर 93A के सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने का ट्रायल (Trial For Demolition) रविवार को पूरा हुआ. इसका समय दोपहर 2:30 बजे तय किया गया था. इस ट्रायल से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. सुपरटेक एमराल्ड के बाहर वाली सड़क सुबह 6:00 बजे से दोपहर 4:00 बजे तक बंद कर दी गई. इसके अलावा नोएडा पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर लोगों को पहले से ही इस टावर के आसपास आने के लिए मना कर दिया था.
ट्विन टावर को गिराने का काम मुंबई की कंपनी एडिफिस (Edifice) को दिया गया, जिसने साउथ अफ्रीका की कंपनी JET डिमोलिशन प्राइवेट लिमिटेड को अपना पार्टनर बनाया है. इस ट्रायल को लेकर लोगों के मन में किसी तरह का डर ना हो इसलिए ट्विन टावर (Twin Tower) के अगल-बगल की दोनों सोसाइटीज में कई डेमो किए गए हैं. पैंफ्लेट के जरिए यहां के रेसिडेंट्स को सभी जानकारी दी गईं.
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टेस्ट ब्लास्ट (Test Blast) के दौरान एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के सामने वाली सड़क पर यातायात बंद कर दिया था. साथ ही लोगों को एक घंटे तक अपने फ्लैट में ही रहना पड़ा. यहां तक कि उनके बालकनी में आने पर भी रोक लगाई थी. ट्रायल के लिए जो एक्सप्लोसिव (Explosive) मंगाया गया, पलवल से यहां पर पहुंचा था. प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि ट्रायल के लिए एपेक्स टावर के b1 पार्किंग एरिया के 5 पिलर और थर्ड फ्लोर के 1 पिलर में होल किए गए, जिसके अंदर बहुत ही कम मात्रा में एक्सप्लोसिव डाला गया. इसी कारण ब्लास्ट के दौरान बहुत कम मात्रा में धूल उड़ने की आशंका जताई थी.
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ट्रायल के दौरान दुनिया के टॉप 3 डिमोलिशन मेन में से एक जोसफ बिग्स पेन खुद मौजूद रहे और ये उन्हीं का मास्टर प्लान था. एजेंसी के प्रोजेक्ट प्रमुख मयूर मेहता (Mayur Mehta) का कहना है कि भारत में पहली बार इतनी ऊंची बिल्डिंग का डिमोलिशन हो रहा है, जिसके लिए हमारी कंपनी पूरी तरह तैयार है. आपको बता दें कि इस ट्विन टावर को 22 मई तक तोड़ दिया जाएगा. इसके मलबे को हटाने के लिए 22 अगस्त की समयसीमा तय की गई है.
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