भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘समस्त देश के साथ आदिवासियों को भी 1947 में अंग्रेजों से स्वराज तो मिल गया लेकिन जनजातियों के वस्ताविक स्वराज का समय अब आया है जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.’’
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नई दिल्ली: आदिवासियों के पिछडेपन के लिए पूर्ववर्ती सरकार की एकतरफा नीति को जिम्मेदार बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा है कि मोदी सरकार में अब समय आ गया है जब आदिवासियों को वास्तविक अर्थ में ‘स्वराज’ मिलेगा. शाह ने एक ब्लाग में कहा कि भाजपा सरकार ने जनजातियों के विकास के लिए 2014 में एक कल्याणकारी योजना शुरू की थी जिसके तहत जनजाति आबादी वाले विकास प्रखंडों में अनेकों काम किये जा रहे हैं. बाद में एक कानून में संशोधन कर यह व्यवस्था बनाई गई जिसके तहत खनन से होने वाली आय का दस फीसदी रॉयल्टी के तौर पर उन्हीं इलाकों के विकास पर खर्च किया जा रहा है जहां आदिवासी रहते हैं .
अमित शाह ने लिखा ब्लॉग
शाह ने कहा कि आदिवासी इलाकों के विकास के लिए जिला मिनरल फाउंडेशन का गठन किया गया था. जिसका मुख्य उद्देश्य खनन से प्रभावित क्षेत्रों के कल्याण के लिए काम करना है. इसमें अबतक 9100 करोड रूपये जमा हो चुके हैं जो उनक्षेत्रों के विकास पर खर्च किए जाएंगे जो खनन से प्रभावित हैं और जहां बहुतायत में आदिवासी रहते हैं.
शाह ने कहा कि पिछले दो दशक से भाजपा शासित उनके गृह राज्य गुजरात में बजट का 14.75 फीसद आदिवासियों के विकास पर खर्च किया जाता है. गुजरात के 14 जिलों में आदिवासी बडी तादाद में रहते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में भाजपा सरकारों के प्रयासों के कारण ही विकास के किसी भी स्तर पर आदिवासी इलाका अन्य इलाकों से पीछे नहीं है.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘समस्त देश के साथ आदिवासियों को भी 1947 में अंग्रेजों से स्वराज तो मिल गया लेकिन जनजातियों के वस्ताविक स्वराज का समय अब आया है जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.’’ इस संदर्भ में शाह ने झारखंड के अपने तीन दिवसीय प्रवास का भी जिक्र किया है जहां उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के गांव का दौरा किया था. उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने शहीद के गांव का सर्वांगीण विकास करने का कार्यक्रम तैयार किया है.
पिछल सरकारों ने माइन्स और मिनरल्स का दोहन किया : शाह
शाह ने कहा कि पिछली सरकारों ने माइन्स और मिनरल्स का दोहन कर लिया और दूर दराज में रहने के कारण उन इलाकों को ऐसे ही छोड दिया तथा विकास का कोई काम नहीं हुआ. सरकारों की इसी उदासीनता के कारण आदिवासी पिछडे रह गए. अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती राजग सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए एक मंत्रालय का गठन किया था. उन्होंने लिखा है कि मोदी सरकार जिस प्रकार काम कर रही है, उससे पूर्वोत्तर के साथ साथ पूरे देश में जनजाति बहुल क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास होगा और उनकी स्वराज से सुराज की यात्रा शीघ्र पूरी होगी.