Dantewada: खास बात यह रही कि तिरंगा फहराने वाले कार्यक्रम में वे लोग भी शामिल रहे जो हर बारे इसका बहिष्कार करते रहते हैं. पूरे गाजे-बाजे के साथ तिरंगा फहराया गया और स्थानीय लोग इसमें शामिल हुए हैं. यह जगह छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में है.
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Tricolour Hoisted First Time: पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ है. देश के कोने-कोने में लोग तिरंगा फहरा रहे हैं. वहां से तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में देश के एक ऐसे इलाके में तिरंगा फहराया गया है जहां आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया है. यानी कि आजादी के 77 साल बाद वहां तिरंगा फहराया गया है. यह जगह कहीं और नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में है. असल में दंतेवाड़ा के तीन गावों में आजादी के पर्व को नक्सली हमेशा से ही बहिष्कृत करते आए हैं. लेकिन इस बार वहां तिरंगा फहराया गया.
जानकारी के मुताबिक देश के 77वें स्वंतत्रता दिवस के मौके पर दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित गावों बुरगुम, तुमरीगुंडा और बड़ेगादम में तिरंगा फहराया गया. यहां आजादी के बाद पहली बार दंतेवाड़ा पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर तिरंगा लहराया. इस मौके पर खास बात ये रही कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने भी तिरंगे को सलामी दी और वे भी आजादी के जश्न में शामिल हुए. इसका पूरा श्रेय वहां के स्थानीय पुलिस प्रशासन और लोगों को जाता है.
बताया जाता है कि आजादी के बाद से अब ताका वहां तिरंगा नहीं फहराया गया था. इसका मतलब यह हुआ कि आजादी के बाद से 77 साल तक वहां तिरंगा नहीं दिखा. इसका कारण यह था कि ये तीनों गांव नक्सल गतिविधियों के कारण अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आते हैं और इन गांवों में नक्सली स्वतंत्रता दिवस का बहिष्कार करते रहे हैं. इतना ही नहीं बताया जाता है कि नक्सली कुछ साल पहले काला झंडा फहराते थे अब हालांकि तस्वीर इस बार बदल गई है.
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दंतेवाड़ा रेंज डीआईजी कमलोचन कश्यप एवं दंतेवाड़ा एसपी गौरव के निर्देशन में यह सब हुआ है. ग्रामीणों की उपस्थिति में तिरंगा फहराया गया और कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं स्कूली बच्चे भी शामिल हुए हैं. इनकी कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर सामने आई हैं.