मोदी सरकार 26 दिसंबर को ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून पेश करने जा रही है. बिल में एक साथ तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
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लखनऊ: ट्रिपल तलाक के खिलाफ मोदी सरकार की ओर से पेश होने वाले बिल के खिलाफ आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज इमरजेंसी बैठक बुलाई थी. लखनऊ में हुई इस बैठक में वर्किंग कमेटी के 51 सदस्य शामिल हुए. AIMPLB की बैठक में ट्रिपल तलाक के खिलाफ मोदी सरकार के बिल की समीक्षा हुई. मीटिंग में वकील जफरयाब गिलानी और असदुद्दीन ओवैसी भी शिरकत करने पहुंचे थे. बैठक के बाद बोर्ड के सदस्य सज्जाद नोमानी ने कहा कि इस बिल को ड्रॉफ्ट करने में किसी प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ, न ही किसी स्टैकहोल्डर से सलाह ली गई. बोर्ड के अध्यक्ष पीएम मोदी से बात करेंगे और बिल को वापस लेने की अपील करेंगे.
No procedure was followed in drafting this bill, neither any stakeholder was consulted. President of AIMPLB will convey this stand to PM and request him to withhold and withdraw the bill: Sajjad Nomani, AIMPLB #TripleTalaq pic.twitter.com/EMa1RgBC6b
— ANI (@ANI) December 24, 2017
बैठक के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा, "ट्रिपल तलाक पर यह बिल मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है. सरकार को अभी यह बिल पास नहीं करना चाहिए. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से सलाह मांगी जाए. यह बिल इस्लाम धर्म के खिलाफ बड़ी साजिश है."
All India Muslim Personal Law Board holds emergency meeting in #Lucknow ahead of tabling of bill on Triple Talaq in Parliament pic.twitter.com/Up32nqoNYY
— ANI UP (@ANINewsUP) December 24, 2017
गौरतलब है कि मोदी सरकार 26 दिसंबर को ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून पेश करने जा रही है. बिल में एक साथ तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. साथ ही इसे गैर जमानती अपराध भी माना गया है.
गौरतलब है कि मोदी सरकार 'द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट' नाम से इस विधेयक को ला रही है. ये कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा. इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी माना जाएगा.
इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक चाहे वह मौखिक हो, लिखित हो और या फिर मैसेज में हो, अवैध होगा. इसके साथ ही जो भी तीन तलाक देगा उसको तीन साल की सजा और जुर्माना भी हो सकता है. यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय ( Cognizable) अपराध होगा. इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा.