'ट्रिपल तलाक बिल' को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बताया इस्लाम के खिलाफ बड़ी साजिश
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'ट्रिपल तलाक बिल' को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बताया इस्लाम के खिलाफ बड़ी साजिश

मोदी सरकार 26 दिसंबर को ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून पेश करने जा रही है. बिल में एक साथ तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

ट्रिपल तलाक के खिलाफ संसद में पेश होने वाले बिल पर चर्चा करने के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

लखनऊ: ट्रिपल तलाक के खिलाफ मोदी सरकार की ओर से पेश होने वाले बिल के खिलाफ आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज इमरजेंसी बैठक बुलाई थी. लखनऊ में हुई इस बैठक में वर्किंग कमेटी के 51 सदस्य शामिल हुए. AIMPLB की बैठक में ट्रिपल तलाक के खिलाफ मोदी सरकार के बिल की समीक्षा हुई. मीटिंग में वकील जफरयाब गिलानी और असदुद्दीन ओवैसी भी शिरकत करने पहुंचे थे. बैठक के बाद बोर्ड के सदस्य सज्जाद नोमानी ने कहा कि इस बिल को ड्रॉफ्ट करने में किसी प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ, न ही किसी स्टैकहोल्डर से सलाह ली गई. बोर्ड के अध्यक्ष पीएम मोदी से बात करेंगे और बिल को वापस लेने की अपील करेंगे.

  1. मोदी सरकार 26 दिसंबर को ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून पेश करने जा रही है.
  2. मोदी सरकार 'द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट' नाम से विधेयक को ला रही है.
  3. बिल में एक साथ तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

बैठक के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा, "ट्रिपल तलाक पर यह बिल मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है. सरकार को अभी यह बिल पास नहीं करना चाहिए. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से सलाह मांगी जाए. यह बिल इस्लाम धर्म के खिलाफ बड़ी साजिश है."

गौरतलब है कि मोदी सरकार 26 दिसंबर को ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून पेश करने जा रही है. बिल में एक साथ तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. साथ ही इसे गैर जमानती अपराध भी माना गया है.

गौरतलब है कि मोदी सरकार 'द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट' नाम से इस विधेयक को ला रही है. ये कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा. इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी माना जाएगा.

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इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक चाहे वह मौखिक हो, लिखित हो और या फिर मैसेज में हो, अवैध होगा. इसके साथ ही जो भी तीन तलाक देगा उसको तीन साल की सजा और जुर्माना भी हो सकता है. यानि तीन तलाक देना गैर-जमानती और संज्ञेय ( Cognizable) अपराध होगा. इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा.

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