श्रीनिवासन पर आरोप है कि उन्होंने श्री कपलीश्वर मंदिर में पौराणिक महत्व वाली एंटीक मूर्ति को चुराकर उसकी जगह नई मूर्ति रखवा दी.
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नई दिल्ली: टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने मूर्ति चोरी के एक मामले में मद्रास हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी है. श्रीनिवासन पर आरोप है कि उन्होंने श्री कपलीश्वर मंदिर में पौराणिक महत्व वाली एंटीक मूर्ति को चुराकर उसकी जगह नई मूर्ति रखवा दी. मंदिर के ही एक भक्त रंगराजन नरसिम्हा की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज की. हालांकि अब श्रीनिवासन को गिरफ्तारी से छह सप्ताह तक राहत मिल गई है.
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने मद्रास हाईकोर्ट से कहा कि वो छह सप्ताह तक श्रीनिवासन को गिरफ्तार नहीं करेगी. इसके बाद जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस पीडी आदिकेशवलु की स्पेशल डिविजन बेंच ने श्रीनिवास की अग्रिम जमानत याचिका को छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया.
खुद को बताया बेकसूर
श्रीनिवासन ने खुद को बेकसूर बताया है. उन्होंने कहा कि वो इस मामले में निर्दोष हैं. मद्रास हाई कोर्ट में दी अपनी याचिका में उन्होंने बताया कि 2004 से अब तक उन्होंने अपने निजी फंड से श्री कपलीश्वर मंदिर में करीब 70 लाख रुपये खर्च किए हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें सरकार द्वारा गठित टेंपल रिनोवेशन कमेटी का सदस्य बनाया गया था.
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ माइलपुर पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की गई है और इसे जांच के लिए सीबी-सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया है. श्रीनिवासन के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि उन्होंने प्राचीन महत्व की मूर्ति को हटाकर उसकी जगह नई मूर्ति रख दी.
गुरुमूर्ति ने किया बचाव
श्रीनिवासन का बचाव करते हुए हाल में रिजर्व बैंक के डायरेक्टर नियुक्त किए गए एस गुरुमूर्ति ने इन आरोपों को हास्यास्पद बताया है. उन्होंने कहा कि वेणु श्रीनिवासन ने पिछले कई वर्षों के दौरान मंदिर के रिनोवेशन के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं और अपने सीएसआर कार्यों के जरिए 1000 से अधिक गांवों को मदद पहुंचाई है. यदि ऐसे ईमानदारी भरे कामों के लिए ये इनाम दिया जाएगा, तो कोई भी भला आदमी मंदिरों की सहायता नहीं करेगा.
This is most ridiculous. Venu Srinivasan has spent over 100 Cr in last several years renovating temples & reached 1000 villages with his CSR work. If such honest work is trashed like this by reckless charges no philanthropist will support temples now being destroyed by govt https://t.co/f28kc1cRse
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) August 10, 2018
श्रीनिवासन का कहना है कि वो पूरी तरह निर्दोष हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें मंदिर की रिनोवेशन कमेटी का सदस्य बनाया गया था और इस कार्य के लिए उन्होंने मंदिर को दान दिया. वो भगवान शिव के भक्त हैं, इसलिए उन्होंने ये कार्य खुशी खुशी किया. इसके अलावा उनका मंदिर से कोई संबंध नहीं. उन्होंने बताया कि तिरुचिराप्पल्ली में रंगनाथस्वामी मंदिर के ट्रस्टी के रूप में उन्होंने वहां 2015 में करीब 25 करोड़ रुपये खर्च किए. ऐसे में वो किसी मंदिर में मूर्ति की चोरी करने की बात सोच भी नहीं सकते हैं.
(एजेंसी इनपुट के साथ)