दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मेट्रो (DMRC) का किराया कम करने की अपील की तो केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने उन्हें टका सा जवाब दिया है.
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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मेट्रो (DMRC) का किराया कम करने की अपील की तो केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने उन्हें टका सा जवाब दिया है. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि किराया बढ़ाए बिना मेट्रो को चलाना संभव नहीं है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने रविवार को कहा, 'आठ साल से मेट्रो का किराया नहीं बढ़ा है. दिल्ली मेट्रो कैसे चलेगी? एक तरीका है वह (दिल्ली मेट्रो) डीटीसी बन जाए और डीटीसी की हालत तो आपको पता है.' मालूम हो कि दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन(DTC) की हालत खस्ता है. हरदीप पुरी ने इसी को आधार बनाकर सीएम केजरीवाल पर तंज कसा है.
इससे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) को किराया न बढ़ाने का निर्देश दें, क्योंकि यह 'अन्यायपूर्ण' है. किराए में वृद्धि तब तक न की जाए, जब तक केंद्र और दिल्ली सरकार संयुक्त रूप से डीएमआरसी के फैसले की समीक्षा न कर ले. पुरी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने मांग की है कि वह डीएमआरसी को बोर्ड की बैठक बुलाने को कहें, जिसमें प्रस्तावित किराया वृद्धि स्थगित करने का निर्णय लिया जाए, क्योंकि डीएमआरसी का संचालन केंद्र और दिल्ली सरकार संयुक्त रूप से करती हैं.
दिल्ली सरकार की ओर से एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि दिल्लीवासी पूर्व में की गई 'तर्कहीन किराया वृद्धि' के बोझ से अब तक उबर नहीं पाए हैं. पिछली किराया वृद्धि मई में की गई थी और कहा गया था कि दूसरी किराया वृद्धि 10 अक्टूबर से प्रस्तावित है. आर्थिक सुस्ती के इस दौर में यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है. केजरीवाल ने कहा कि किराया निर्धारण समिति ने दो किराया वृद्धि के बीच एक साल का अंतराल रखने की सिफारिश की थी, फिर भी डीएमआरसी छह महीने से पहले दूसरी बार किराया बढ़ाने जा रही है.
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि समिति ने डीएमआरसी को यह सलाह भी दी थी कि वह हांगकांग मेट्रो की तर्ज पर रियल एस्टेट डेवलपमेंट के जरिए अपनी निधि बढ़ाए और उत्पादकता में सुधार लाए, ताकि लागत को कम किया जा सके और किराए में मामूली वृद्धि से ही काम चल जाए. आप नेता ने कहा कि डीएमआरसी ने लागत घटाने के उपाय करने की दिशा में कोई पहल की हो, ऐसा नहीं दिखता. उसकी कोशिश आम दैनिक यात्रियों पर ऊंचे किराए का बोझ डालकर लागत की भरपाई करने की है, जो अन्यायपूर्ण है.
किराए में 33% का इजाफा
सफर के मामले में पॉकेट फ्रेंडली मानी जाने वाली मेट्रो अब आपकी जेब और ढीली करेगी. मेट्रो के किराए में 20 से 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी की तैयारी कर ली गई है. ये नई दरें एक अक्टूबर से लागू हो जाएंगी. पहले चरण में किराया बढ़ने के बाद मेट्रो यात्रियों की संख्या कम हो गई थी. बावजूद इसके डीएमआरसी ने मेट्रो के किराए में फिर से वृद्धि की है. फिलहाल न्यूनतम किराया 10 रुपये और अधिकतम 50 रुपये निर्धारित है, लेकिन एक अक्टूबर से अधिकतम किराया बढ़कर 60 रुपये हो जाएगा.
डीएमआरसी की जानकारी के अनुसार, मेट्रो में सफर के लिए अब 2 किलोमीटर तक के लिए 10 रुपये, 2 से 5 तक के लिए 20 रुपये देने होंगे. पहले 5 किमी के लिए 15 रुपये देने पड़ते थे. इसी तरह 5 से 12 किमी तक के लिए अब 20 रुपये की जगह 30 रुपये देने होंगे.
12 से 21 किलोमीटर तक के लिए पहले 30 रुपये किराया लगता था. लेकिन इसमें अब 10 रुपये बढ़ जाएंगे, जिसके बाद आपको 40 रुपये का भुगतान करना होगा. 21 से 32 किमी के लिए भी दरें बढ़ गई हैं. इस दूरी के लिए अब 40 रुपये की जगह 50 रुपये देने होंगे. यदि आप 32 किलोमीटर से ज्यादा का सफर करते हैं तो इस सूरत में आपको 60 रुपये किराए के रूप में देने होंगे. ये राशि पहले 50 रुपये थी.