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नई दिल्ली : शराब कारोबारी विजय माल्या की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के कंसोर्टियम से हासिल 6027 करोड़ रूपये के कर्ज की अदायगी में कथित चूक की जांच के लिए माल्या और उनके सहयोगियों के खिलाफ धन शोधन का नया मामला दर्ज किया है। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी हाल में ही सीबीआई ने संभाली थी।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने धन शोधन निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत दूसरा मामला दर्ज किया, जब हाल में ही उसे सीबीआई से मामले का विवरण मिला। सीबीआई ने भारतीय स्टेट बैंक से शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की है।
सीबीआई ने इस महीने की शुरूआत में आईपीसी की धाराओं के तहत माल्या के खिलाफ एसबीआई से बैंकों के कंसोर्टियम की तरफ से मिली शिकायत के आधार पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि माल्या ने 2005-10 के दौरान लिए गए कर्ज के भुगतान के वादे को पूरा नहीं करके उन्हें 6027 करोड़ रूपये का नुकसान पहुंचाया है।
नया मामला दर्ज करके प्रवर्तन निदेशालय मुश्किलों में घिरे शराब कारोबारी के खिलाफ जांच को मजबूत करना चाहता है और माल्या के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाइयों को तेज करना चाहता है। इसमें माल्या के खिलाफ इंटरपोल से वैश्विक गिरफ्तारी वारंट जारी कराना और पीएमएलए के सख्त प्रावधानों के तहत उनकी और संपत्तियों को कुर्क करना शामिल है।
इन कदमों के अलावा वह भारत-ब्रिटेन पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) का भी इस्तेमाल करना चाहता है ताकि माल्या को भारत वापस लौटने पर मजबूर किया जा सके और वह जांच में शामिल हो सके।