हथियार लॉबी की शह पर मीडिया कर रहा मुझ पर हमला: वी के सिंह
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हथियार लॉबी की शह पर मीडिया कर रहा मुझ पर हमला: वी के सिंह

केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि उनपर दबाव बनाने के लिए लगातार काम करने वाली हथियार लॉबी की शह पर मीडिया का एक हिस्सा उनके खिलाफ एक ‘कपटी अभियान’ चला रहा है और उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत करा दिया है।

हथियार लॉबी की शह पर मीडिया कर रहा मुझ पर हमला: वी के सिंह

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि उनपर दबाव बनाने के लिए लगातार काम करने वाली हथियार लॉबी की शह पर मीडिया का एक हिस्सा उनके खिलाफ एक ‘कपटी अभियान’ चला रहा है और उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत करा दिया है।

सिंह ने साजिश में एक पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘यह सिर्फ एक कपटी अभियान है जिसके लिए हथियार लॉबी देर तक काम कर रही है। जब मैं सेना प्रमुख था तो वे मुझे हरा नहीं पाए थे। उनकी मुहिम चालू है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि विभिन्न लोगों के साथ उनके क्या संबंध हैं। कई लोग हैं जिन्हें वे भुगतान करते हैं। ऐसे में, निश्चित ही कुछ पत्रकार और अन्य लोग होंगे जो उस तरह का लिखेंगे जैसा उनसे कहा जाएगा।’ वह 23 मार्च को एक कार्यक्रम में पाकिस्तान उच्चायोग जाने के बाद पैदा हुए विवाद पर टिप्पणी कर रहे थे। पाकिस्तानी मिशन में अपने दौरे के साथ यमन राहत अभियान की तुलना वाली अपनी हालिया टिप्पणी पर भी वह एक बार फिर से विवादों में घिरे थे।

बाद में मुद्दा बनाने के लिए एक टीवी चैनल के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर सिंह विवाद में फंस गए थे। यह पूछे जाने पर कि क्या हथियार लॉबी अब भी उनके खिलाफ सक्रिय है, उन्होंने कहा कि ऐसा ही कुछ है।

सिंह ने कहा, ‘जब चुनाव हुआ उनलोगों ने काफी खरात बांटे। हमें पता है कि अलग-अलग लोगों को कितनी रकम मिली। वे सक्रिय हैं..वे बेहद सक्रिय हैं। उनका एकमात्र मकसद मुझे बाहर करना है।’ सिंह ने साथ ही इसमें जोड़ा कि पाकिस्तान दिवस पर उनकी मौजूदगी के बारे में मुहिम के मद्देनजर उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की और बताया कि क्यों उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री को बताया कि यह एक तयशुदा मुहिम है..वह मेरे काम करने का तरीका है। साफ रहो, कुछ छिपाओ मत। मैंने उन्हें बताया कि जो कुछ हुआ यह एक प्रेरित अभियान है। यह मैं आप पर तलाशने के लिए छोड़ता हूं कि कौन इसे प्रोत्साहित कर रहा है।’ मोदी का क्या जवाब था, यह पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि वह समझ गए। सिंह ने कहा, ‘वह मीडिया को अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने कहा कि यह मुझपर छोड़ दीजिए।’

पाकिस्तान उच्चायोग में अपनी मौजूदगी का बचाव करते हुए पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, ‘यह केवल प्रोटोकॉल था। मैं पहले सेना प्रमुख था और अब मैं केंद्रीय मंत्री हूं।’ अपने दौरे के लिए सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘जिस तरह के आरोप लगाए गए उससे मैं बहुत दुखी हुआ। प्रोटोकॉल के हिसाब से कुछ करना नीति संचालन से कुछ अलग है। और, यही वजह है कि मैंने दो शब्दों की परिभाषा ट्वीट की। लेकिन, मीडिया के एक हिस्से ने इसे भी घुमा दिया।’

मंत्री यमन में फंसे हुए लोगों को निकाले जाने के अभियान के दौरान एक बार फिर तब विवादों में घिर गए जब उन्होंने मीडिया पर यह कहते हुए तंज कसा था कि यह अभियान उस तरह से रोचक नहीं था जैसा कि जब वह पाकिस्तानी मिशन गए थे। सिंह ने कहा, ‘मैं बस उस तथ्य के बारे में मजाक कर रहा था कि पाकिस्तानी उच्चायोग में 15 मिनट की मौजूदगी से मीडिया में मुझे इतनी जगह मिल गयी लेकिन बचाव अभियान की वजह से नहीं मिली।’ उनकी टिप्पणी से विवाद पैदा हो गया था।

बाद में उन्होंने अपनी तुलनात्मक टिप्पणी चलाने की वजह से एक टीवी चैनल के लिए ‘प्रेस्टीट्यूट्स’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया था। बहरहाल, रक्षा खरीद के बारे में बात करते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने हालत के बारे में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से बात की थी। सिंह ने स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर आज किसी खास मोबाइल फोन की जरूरत है तो इसका कोई मतलब नहीं होगा अगर यह 36 महीने के बाद मिले। उन्होंने कहा, ‘इसका कोई मतलब नहीं है। नीति ऐसी होनी चाहिए जिससे चीजें प्रासंगिक हों। मैंने कहा है कि हमारी खरीद नीति सांप और सीढ़ी के खेल की तरह है जहां सीढ़ी तो नहीं है सिर्फ सांप है। आपको कभी भी डसा जा सकता है और आप बीच में कहीं नहीं रूकेंगे सीधे शून्य पर आएंगे।’

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