31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित होने की पृष्ठभूमि में ZEE NEWS के #IndiaKaDNA कांक्लेव में जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने अपना एक किस्सा सुनाया.
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नई दिल्ली: 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित होने की पृष्ठभूमि में ZEE NEWS के #IndiaKaDNA कांक्लेव में जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने अपना एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि जब मैं पहली बार कश्मीर गया तब 10 साल का था. कश्मीर में लोग पूछते थे कि क्या इंडिया से आए हो? इस संबंध में जब पिता से पूछा तो उन्होंने बताया कि दरअसल आर्टिकल 370 लागू होने के कारण यहां के लोगों में इस तरह की एक भावना पैदा हो गई है. इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 का खत्म होना बेहद जरूरी है.
इस आर्टिकल की वजह से कश्मीर के लोग अपने आप को भारत से नहीं जोड़ते थे. अब इस आर्टिकल के हटने के मसले पर उन्होंने कहा कि कोई देशप्रेमी 370 का विरोध नहीं करेगा. कुछ लोग केवल अपनी पार्टी का स्वार्थ देखते हैं. पाकिस्तान के लिए कश्मीर बड़ा मुद्दा है.
कश्मीर में रायशुमारी के संदर्भ में एक किस्सा सुनाते हुए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि एक बार पंडित नेहरू ने शेख अब्दुल्ला के सामने इस शब्द का जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि कश्मीर तो भारत का हिस्सा है और हम इसके जनप्रतिनिध हैं. ऐसे में यदि हम कह रहे हैं कि हम भारत के बाशिंदे हैं तो रायशुमारी की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन इसके बावजूद पंडित नेहरू ने श्रीनगर के लाल चौक में अपने भाषण में इसका जिक्र किया. जब वे ऐसा कर रहे थे तो शेख अब्दुल्ला ने पीछे से उनकी अचकन को पकड़ा लेकिन नेहरू नहीं रुके. उसके बाद संयुक्त राष्ट्र में भी इसका जिक्र कर दिया. वीके सिंह ने कहा कि इस तरह की गलतियों की वजह से ही 70 साल तक आर्टिकल 370 नाम की अस्थाई व्यवस्था बदस्तूर जारी रही और कश्मीर समस्या का समाधान नहीं निकल पाया.