बंगाल: Bhawanipur By Poll में Mamata Banerjee के खिलाफ कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी!
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बंगाल: Bhawanipur By Poll में Mamata Banerjee के खिलाफ कांग्रेस नहीं उतारेगी प्रत्याशी!

पश्चिम बंगाल (West Bengal) भवानीपुर बाई-पोल (Bhawanipur by poll) में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी नहीं उतारना नहीं चाहती है.

 

ममता बनर्जी (फोटो साभार: IANS)

कोलकाता: कोलकाता की भवानीपुर सीट बाई-पोल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी नहीं देना चाहती है. हालांकि अभी तक अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) की इस सोच पर पार्टी हाई कमान ने मुहर नहीं लगाई है. उधर भले ही कांग्रेस अपना उम्मीदवार भवानीपुर से खड़ा करना न चाहती हो लेकिन CPM अपना प्रत्याशी भवानीपुर में जरूर खड़ा करना चाहती है और ऐसा लगता है जैसे कि वो अधीर रंजन की सोच से इत्तेफाक नहीं रखती.

संयुक्त मोर्चे का भविष्य क्या?
ऐसे में यह खबर भी सामने आ रही है की CPM के साथ बिना किसी बातचीत के ही कांग्रेस (Congress) कैसे यह फैसला ले सकती है? ऐसे में संयुा मोर्चे के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी कई अटकलें लगाई जा रही हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के खिलाफ प्रत्याशी देने की जरूरत नहीं है अभी तक ऐसा सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का कहना है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक अधीर रंजन के प्रस्ताव पर AICC भी मुहर लगाएगी इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस निश्चिंत है. CPM अभी कांग्रेस की स्थिति के बारे में कुछ भी कहने से कतरा रही है. हालांकि वामपंथी, भवानीपुर में उम्मीदवार उतारने की सोच रहे हैं और अगर सूत्रों की मानें तो ऐसा ही कुछ फैसला लिया जा सकता है वाम फ्रंट की बैठक में.

सीपीएम चिंतित?
सहयोगी दलों की राय में, तृणमूल और भाजपा के खिलाफ लड़ाई जारी रखना जरूरी है और चुनाव, जन संग्राम का ही हिस्सा है. सीपीएम के नेता कांग्रेस के इस रवैय्ये से थोड़ा चिंतित तो जरूर दिख रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि साल 2019 के समझौते के बाद कांग्रेस- सीपीएम को एक साथ किसी राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं देखा गया. आज 2021 में भी ऐसा ही कुछ देखा जा रहा है. कई लोग ऐसा मान रहे हैं कि अगर फिर से इस घटना की पुनरावृत्ति हुई तो जनता की नजरों में गठबंधन की साख गिर जाएगी. वैसे भी गुजरते वक्त के साथ CPM-CONGRESS की लोकप्रियता भी अब न के बराबर ही रह गई है. अगर आने वाले दिनों में दोनों पार्टियों की स्थिति नहीं सुधरी तो वापस लौटना मुश्किल ही नहीं असंभव हो जाएगा.

कांग्रेस शिविर में भी मतभेद?
अगर सूत्रों की मानें तो ऐसा नहीं है कि कांग्रेस शिविर में भी अधीर रंजन के प्रस्ताव पर आपत्ति जाहिर नहीं की है. प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के नेताओं को लग रहा है कि CPM के साथ बातचीत कर यह फैसला लेना चाहिए था. उल्लेखनीय है कि साल 2016 में भवानीपुर सीट से ममता के खिलाफ कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारा था. पहले ओम प्रकाश मिश्रा थे उसके बाद दीपा दाशमुंशी. 2021 में उसी केंद्र से युवा कांग्रेस अध्यक्ष शादाब खान को प्रत्याशी बनाया गया लेकिन पहले जैसी बात नहीं थी. इस बार शोभनदेब भट्टाचार्य के साथ मूलतः लड़ाई बीजेपी प्रत्याशी रुद्रनिल घोष की थी.

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