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बेंगलुरु: इंडिया में ओमिक्रॉन (Omicron) की एंट्री ने टेंशन बढ़ा दी है. केंद्र सरकार ने इस बात की पुष्टि की कि कर्नाटक में कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमिक्रॉन के दो मामले सामने आए हैं. अब सवाल उठता है कि ये दोनों लोग कौन हैं जो नए वैरिएंट से संक्रमित पाए गए? सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक दोनों मरीज मेल हैं, जिनकी उम्र 66 वर्ष और 46 वर्ष है. अब तक कहा जा रहा था कि दोनों दक्षिण अफ्रीकन हैं लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक इनमें से एक 46 वर्षीय मरीज भारतीय है.
कर्नाटक में मिले ओमिक्रॉन (Omicron) के दो मामलों में से एक व्यक्ति साउथ अफ्रीकन नेशनल है जबकि दूसरा व्यक्ति बंगलुरु का ही रहने वाला भारतीय है. अफ्रीकन व्यक्ति दुबई लौट चुका है. भारतीय की की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है और ये भी स्पस्ट नहीं है कि उस तक ये संक्रमण कैसे पहुंचा. ये शख्स पेशे से डॉक्टर है. रिस्क जोन कंट्री से अब तक 37 अंतरराष्ट्रीय उड़ान आईं, जिनमें 7976 यात्री भारत आए. इनमें से 10 यात्री अब तक कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं. कोरोना सैम्पल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं.
ओमिक्रॉन से संक्रमित मिले भारतीय को 21 नवंबर को बुखार आया था और शरीर में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद 22 नवंबर को सैम्पल लिया गया. जांच में वह कोरोना पॉजिटिव आया. 25 तारीख को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से 27 नवंबर को डिस्चार्ज कर दिया गया. डॉक्टर फिलहाल होम आइसोलेट है. उसके प्राइमिरी कॉन्टैक्ट 13 और सेकेंडरी कॉन्टैक्ट 205 पाए गए हैं. प्राइमरी कॉन्टैक्ट में से 3 और सेकेंड्री कॉन्टैक्ट में से 2 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
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29 देशों में इतने मामले
सरकार ने कहा कि अब तक विश्व के 29 देशों में ओमिक्रॉन स्वरूप के 373 मामले सामने आए हैं और भारत स्थिति पर नजर रखे हुए है. एक अधिकारी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का हवाला देते हुए कहा, ‘यह आंकलन करना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या ओमिक्रॉन कहीं अधिक गंभीर संक्रमण पैदा करता है या यह डेल्टा सहित अन्य स्वरूपों की तुलना में कम घातक है.’ डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन को चिंता वाला स्वरूप बताया है. भारत में ओमिक्रॉन के मामले सामने आने पर डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, ‘हम आपस में जुड़ी हुई दुनिया में रहते हैं इसलिए यह अप्रत्याशित नहीं था.’ उन्होंने कहा, ‘यह इस बात पर जोर देता है कि सभी देश निगरानी बढ़ाएं, सतर्क रहें, विदेशों से आने वाले मामलों का शीघ्र पता लगाएं और वायरस के और अधिक प्रसार को रोकने के उपाय करें.’
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