ईवीएम में छेड़छाड़ साबित करने के लिए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को दी चुनौती
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ईवीएम में छेड़छाड़ साबित करने के लिए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को दी चुनौती

इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी साबित करने के लिए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनौती दी है. आयोग ने कहा है कि छेड़छाड़ साबित करने के लिए राजनीतिक दल जितना चाहें समय ले सकते हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में सभी चुनाव अब वीवीपेट युक्त ईवीएम से कराए जाएंगे. 13 राजनीतिक दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत की थी.

आम आदमी पार्टी का दावा है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हो सकती है. फोटो-आईएएनएस

नई दिल्ली : इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी साबित करने के लिए चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनौती दी है. आयोग ने कहा है कि छेड़छाड़ साबित करने के लिए राजनीतिक दल जितना चाहें समय ले सकते हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने शुक्रवार को कहा कि भविष्य में सभी चुनाव अब वीवीपेट युक्त ईवीएम से कराए जाएंगे. 13 राजनीतिक दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत की थी.

आयोग द्वारा शुक्रवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में ईवीएम को गड़बड़ी से शतप्रतिशत सुरक्षित रखने के लिये किये गये उपायों पर दिन भर चले विचार-विमर्श के बाद जैदी ने कहा कि कुछ दलों की आशंकाओं को दूर करने के लिये जल्द ही आयोग मशीन में गड़बड़ी की खुली चुनौती देगा. उन्होंने कहा कि ‘आयोग राजनीतिक दलों को चुनौती देगा कि वे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गयी ईवीएम में गड़बड़ी किये जाने के अपने दावे को सच साबित करके दिखायें। चुनौती में यह भी साबित करने का मौका दिया जायेगा कि इन मशीनों में तकनीकी और प्रशासनिक आधार पर गड़बड़ी की गयी थी.’ 

जल्द ही चुनौती के लिए तारीख घोषित करेगा ईसी

खुली चुनौती के समय के सवाल पर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि जल्द ही इसकी तारीख घोषित की जायेगी। उन्होंने बताया कि बैठक में सभी 7 राष्ट्रीय दल और 35 राज्य स्तरीय दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। आयोग ने पांच राज्यों के गत मार्च में सम्पन्न विधानसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी किये जाने की कुछ दलों की शंकाओं के समाधान हेतु सभी 7 राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को इस बैठक में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया था।

बैठक के समापन पर जैदी ने बताया कि सभी दलों ने आयोग द्वारा भविष्य में सभी चुनाव अब वीवीपेट युक्त ईवीएम से कराने के फैसले का स्वागत किया है। वीवीपेट मशीन से मतदाता की पसंद के उम्मीदवार को ही वोट दिये जाने का सबूत देने वाली पर्ची ईवीएम को गड़बड़ी की आशंकाओं से मुक्त करेगी।

सर्वदलीय बैठक में ‘हैकिंग’ की परिभाषा पर हुई बहस

ईवीएम की प्रामाणिकता पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में ‘हैकिंग’ की परिभाषा पर बहस हुई. ईवीएम में छेड़छाड़ की संभावना को लेकर कुछ विपक्षी दलों के आरोपों की अगुवाई कर रही आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि ‘हैकाथन’ आयोजित करने के उसके प्रस्ताव को आयोग ने खारिज कर दिया है.

बैठक में आप प्रतिनिधियों में शामिल रहे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि चुनाव आयोग ने ‘हैकाथन’आयोजित करने से इनकार कर दिया. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग केवल चुनौती देकर राजनीतिक दलों से कहेगा कि पिछले चुनावों में इस्तेमाल ईवीएम मशीनों में छेड़छाड़ की बात साबित करके दिखाएं.

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आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने बंद दरवाजे में हुई बैठक से इतर संवाददाताओं को बताया कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों की आशंकाओं को दूर करने के लिए अब तक कुछ नयी बात नहीं बताई है. बैठक में ‘हैकिंग’ की परिभाषा पर बहस हुई.

'चुनाव आयोग बहुत स्मार्ट होता जा रहा है'

भारद्वाज ने कहा, ‘वे हमें मशीनें उपलब्ध कराके फिर हैकिंग के हमारे आरोप को साबित करने की चुनौती नहीं देंगे. चुनाव आयोग बहुत स्मार्ट होता जा रहा है.’भाकपा, राजद और रालोद जैसे अन्य दलों के नेताओं ने ईवीएम के अलावा कॉपरेरेट चंदे जैसे चुनावी प्रक्रिया के अन्य पहलुओं को भी बैठक में उठाया.

भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने कहा, ‘पूरा मुद्दा चुनाव प्रक्रिया के मूल्यों और ईमानदारी का है. पश्चिम के विकसित देश ईवीएम का इस्तेमाल क्यों नहीं करते?’राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि ईवीएम की कभी त्रुटि नहीं करने की गुणवत्ता की बात करके चुनाव आयोग केवल उपकरण के संरक्षक की तरह व्यवहार कर रहा है ना कि पूरी प्रक्रिया की.

इस बैठक में राष्ट्रीय स्तर की सभी सात राजनीतिक पार्टियां और 48 क्षेत्रीय मान्यताप्राप्त राजनीतिक पार्टियों में से 35 शामिल हैं.

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AAP ने दिल्ली विधानसभा में ईवीएम से छेड़छाड़ का डेमो दिया था 

उल्लेखनीय है कि बैठक से पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा में ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ का प्रदर्शन किया था. पार्टी ने इसका प्रदर्शन करने के लिये ईवीएम से मिलती जुलती मशीन का प्रयोग किया था.

हालांकि निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी के दावों से यह कहते हुए इंकार किया था कि यह मशीन ईवीएम की तरह दिखती है, लेकिन यह भारतीय निर्वाचन आयोग की ईवीएम नहीं है. कुछ राजनीतिक पार्टियों ने आयोग से उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस्तेमाल की गयी ईवीएम मशीनें उपलब्ध कराने की मांग की है.

करीब 16 राजनीतिक दलों ने हाल में ही कहा था कि आयोग को पेपर बैलेट (मतपत्र) प्रणाली से चुनाव कराने चाहिये. इन राजनीतिक दलों का दावा था कि लोगों का इन मशीनों से ‘भरोसा उठ’ गया है. आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस समेत कई दलों ने हाल के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के लिए ऐसी ईवीएम मशीन का प्रयोग करने का आरोप लगाया था जिनसे छेड़छाड़ हो सकती है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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