उरी हमला : सेना ने पाकिस्तान को चेताया, कहा- हम तय करेंगे कहां और कब जवाब देना है
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उरी हमला : सेना ने पाकिस्तान को चेताया, कहा- हम तय करेंगे कहां और कब जवाब देना है

सेना ने सोमवार को कहा कि वह किसी तरह के सीमापार आतंकी हमले, हिंसात्मक और आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने की क्षमता रखती है और इस तरह की किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का सही समय और स्थान पर जवाब देने का अपना अधिकार सुरक्षित रखती है।

उरी हमला : सेना ने पाकिस्तान को चेताया, कहा- हम तय करेंगे कहां और कब जवाब देना है

नई दिल्ली : सेना ने सोमवार को कहा कि वह किसी तरह के सीमापार आतंकी हमले, हिंसात्मक और आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने की क्षमता रखती है और इस तरह की किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का सही समय और स्थान पर जवाब देने का अपना अधिकार सुरक्षित रखती है।

सेना का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले उरी में एक सैन्य शिविर पर आतंकी हमला किया गया था जिसके लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जेईएम को जिम्मेदार ठहराया गया है।

सेना ने कहा, ‘भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर और अंदरूनी इलाकों में आतंकवादी स्थिति से निपटने में यथेष्ट संयम का प्रदर्शन किया है। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर हम इस तरह की हिंसात्मक और आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिये पूरी क्षमता रखते हैं। हम इस तरह की किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का सही समय और स्थान पर जवाब देने का अपना अधिकार सुरक्षित रखते हैं।’

मिलिट्री ऑपरेशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ सुरक्षा विशेषज्ञ और राजनीतिक नेता पाक के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को निशाना बनाने की मांग कर रहे हैं। उरी में आतंकी हमले में सेना के 18 जवान शहीद हो गए और दो दर्जन से अधिक सैनिक घायल हो गये।

साल 2013 में भी तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने ऐसा ही एक बयान दिया था जब आठ जनवरी को नियंत्रण रेखा के उल्लंघन के दौरान एक जवान का सिर काट लिया गया था और एक अन्य का गला काट दिया गया था। हालांकि सेना के शीर्ष सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि कार्रवाई की जायेगी लेकिन इसकी प्रकृति कैसी होगी इसका खुलासा इस वक्त नहीं किया जायेगा।

सूत्रों ने कहा कि इसमें आश्चर्य का तत्व होना चाहिए जो इस वक्त नहीं है क्योंकि पाकिस्तान जवाब देने के लिए तैयार है। भारतीय सेना की भी अपनी रणनीति है और वह अपना काम करेगी। उत्तरी सेना और चिनार कोर कमांडरों लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा और लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने रविवार को श्रीनगर में पर्रिकर को घटना की और आतंकवादियों को समाप्त करने के लिए चलाये गए अभियान की जानकारी दी। इसमें यह भी चर्चा हुई कि आतंकवादी किस प्रकार इस इलाके में घुस आए।

रक्षा सूत्रों ने बताया था कि सेना किस प्रकार से हमले का जवाब दे सकती है, इसके बारे में संभावित कार्य योजना को लेकर भी चर्चा हुई। निर्णय उच्च स्तर पर लिया जायेगा लेकिन यह अत्यधिक गोपनीय होगा। आज पर्रिकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद उनकी सेना प्रमुख जनरल दलवीर सिंह सुहाग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक हुई।

बहरहाल, डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने आज कहा कि उन्होंने कल 18 सितंबर आतंकी घटना की जानकारी दी थी। उरी सेना परिसर के भीतर और आसपास की गहरी छान-बीन के बाद सैन्य कार्रवाई को पूरा कर लिया गया है। मारे गये आतंकवादियों के पास से चार एके-47 राइफलें, चार अंडर बैरल ग्रेनेड लान्चर, 39 अंडर बैरल ग्रेनेड लान्चर ग्रेनेड, पांच हैंड ग्रेनेड, दो रेडियो सेट, दो जीपीएस, दो मैप शीट्स, दो मैट्रिक्स शीट, एक मोबाइल फोन और भारी मात्रा में खाने का सामान तथा दवाओं के पैकेट बरामद हुये हैं। इन सभी पर पाकिस्तानी मार्किंग्स हैं।

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशों में पिछले तीन-चार वर्षों की तुलना में काफी इजाफा हुआ है। वर्ष 2016 में घुसपैठ की 17 कोशिशें की गयीं जिन्हें भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर नाकाम कर दिया। जम्मू-कश्मीर में कुल 110 आतंकवादियों को ठिकाने लगाया गया, जिनमें से 31 आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा पार करने की कोशिशों के दौरान मारा गया। इससे संकेत मिलता है कि नियंत्रण रेखा के पार से घुसपैठ की हताशा भरी कोशिशें की जा रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा आतंकवादियों को कश्मीर में घुसाया जाये ताकि हमारे क्षेत्र में तनाव और गड़बड़ी पैदा की जा सके। घुसपैठ की दो कोशिशें यानी 11 सितंबर को पुंछ में और 18 सितंबर, 2016 को उरी में की गयीं जिन्हें भारतीय सेना ने प्रत्येक कार्रवाई के दौरान चार आतंकवादियों को मारकर नाकाम कर दिया।

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