India Population: पॉलिसी बदलने के बावजूद भारत को नहीं पछाड़ पाया चीन, आबादी में इतने अंतर से रह गया पीछे
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India Population: पॉलिसी बदलने के बावजूद भारत को नहीं पछाड़ पाया चीन, आबादी में इतने अंतर से रह गया पीछे

India Population Report: अपनी आबादी बढ़ाने के लिए लंबे समय से जारी एक बच्चा नीति त्यागने के बावजूद चीन जनसंख्या के मामले में भारत को नहीं पछाड़ पाया है. यूएन ने विश्व जनसंख्या के मामले में अपनी ताजा रिपोर्ट प्रकाशित कर दी है.  

 

India Population: पॉलिसी बदलने के बावजूद भारत को नहीं पछाड़ पाया चीन, आबादी में इतने अंतर से रह गया पीछे

World Population Latest Report: भारत में 19 अप्रैल को पहले चरण के लोकसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले भारत की आबादी की ताजा रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में भारत ने आबादी के मामले में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की अनुमानित जनसंख्या 144 करोड़ हो चुकी है, जिसमें 24 प्रतिशत लोग 0 से 14 साल के उम्र के हैं. UNFPA की रिपोर्ट - "इंटरवॉवन लाइव्स, थ्रेड्स ऑफ होप: एंडिंग इनइक्वैलिटीज इन सैक्सुअल एंड रिप्रॉडक्टिव हेल्थ एंड राइट" में अनुमान लगाया गया है कि भारत की जनसंख्या 77 वर्षों में दोगुनी हो जाएगी.

भारत की 17 प्रतिशत आबादी 10-19 वर्ष की

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 144.17 करोड़ की अनुमानित जनसंख्या के साथ दुनिया में सबसे आगे है. चीन इस लिस्ट में नंबर पर है, जिसकी आबादी 142.5 करोड़ है. भारत में साल 2011 में की गई जनगणना के दौरान यहां 121 करोड़ आबादी थी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत की करीब 24 प्रतिशत आबादी 0-14 वर्ष की हैं, जबकि 17 प्रतिशत 10-19 वर्ष के भीतर है. 

रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारत में 10-24 साल के 26 प्रतिशत लोग हैं जबकि 68 फीसदी 15-64 आयु वर्ग के हैं. भारत की सात प्रतिशत आबादी 65 वर्ष या उससे अधिक आयु की है, जिसमें पुरुषों की जीवन प्रत्याशा 71 वर्ष और महिलाओं की 74 वर्ष है. 

मातृ मृत्यु दर में आई काफी गिरावट

रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में साल 2006-2023 के बीच 23 प्रतिशत लोगों का बाल विवाह कराया गया था. यह भी पता चला है कि भारत में मातृ मृत्यु में काफी गिरावट आई है, जो दुनिया भर में होने वाली ऐसी सभी मौतों का 8 प्रतिशत रह गया है. 

UNFPA ने ग्लोबल पब्लिक हेल्थ की ओर से भारत में जिला-स्तरीय मातृ मृत्यु अनुपात के संबंध में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत के 640 जिलों में शोध से पता चला है कि लगभग एक तिहाई जिलों ने मातृ मृत्यु दर को कम करने का सतत विकास लक्ष्य हासिल किया है, जिसमें प्रति 100,000 जीवित जन्म पर मातृ मृत्यु दर 70 से कम है, लेकिन 114 जिलों में अभी भी यह अनुपात 210 या उससे अधिक है.

रिपोर्ट में कहा गया, ''भारत की सफलता का श्रेय अक्सर किफायती, गुणवत्तापूर्ण मातृ स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच को जाता है. इसके साथ-साथ स्वास्थ्य परिणामों पर लैंगिक भेदभाव के प्रभाव को दूर करने के प्रयासों को क्रेडिट दिया जा सकता है.'' 

(एजेंसी भाषा)

 

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