कैसा रहा I&B मंत्रालय के लिए साल 2017, पद्मावती और कंडोम के विज्ञापन विवाद रहे सुर्खियों में
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कैसा रहा I&B मंत्रालय के लिए साल 2017, पद्मावती और कंडोम के विज्ञापन विवाद रहे सुर्खियों में

वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से इस महत्वपूर्ण मंत्रालय को संभालने वाली स्मृति चौथी मंत्री हैं. नायडू से पहले अरुण जेटली और प्रकाश जावडेकर ने भी इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी.

इस वर्ष फिल्म ‘‘पद्मावती’’ को लेकर भी काफी विवाद रहा. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वर्ष 2017 में कई विवादास्पद मुद्दों का सामना किया जिनमें फिल्म ‘‘पद्मावती’’ के रिलीज को लेकर मचा हंगामा और आईएफएफआई में दो फिल्मों को नहीं दिखाए जाने के मुद्दे भी शामिल हैं. इसके अलावा मंत्रालय ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में प्रसून जोशी की नियुक्ति के अलावा कई और नियुक्तियां भी कीं. टेलीविजन पर कंडोम के विज्ञापनों के संबंध में अपने परामर्श के लिए भी मंत्रालय सुखिर्यों में रहा. एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रभार कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को सौंप दिया. उपराष्ट्रपति चुनाव में एम. वेंकैया नायडू के राजग का उम्मीदवार चुने जाने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री का पद रिक्त था.

  1. राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने एक साथ मिलकर पद्मावती के रिलीज का विरोध किया.
  2. ‘एस दुर्गा’, ‘न्यूड’ को आईएफएफआई में नहीं दिखाये जाने पर भी विवाद छिड़ गया था.
  3. इस वर्ष झारखंड के लिए एक अलग चैनल 24x7 डीडी चैनल की घोषणा की गई.

वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से इस महत्वपूर्ण मंत्रालय को संभालने वाली स्मृति चौथी मंत्री हैं. नायडू से पहले अरुण जेटली और प्रकाश जावडेकर ने भी इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी. इसी वर्ष सरकार ने जाने-माने अभिनेता अनुपम खेर को भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) का नया प्रमुख नियुक्त किया. उन्होंने गजेन्द्र चौहान का स्थान लिया जिनका पुणे के इस संस्थान के प्रमुख के रूप में विवादास्पद कार्यकाल रहा था. इस वर्ष केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) का नया अध्यक्ष जाने-माने गीतकार प्रसून जोशी को बनाया गया. उन्हें पहलाज निहलानी के स्थान पर बोर्ड का प्रमुख बनाया गया. मंत्रालय ने मौजूदा सेंसर बोर्ड का पुनर्गठन करते हुए अभिनेत्री विद्या बालन को नए सदस्यों में शामिल किया.

इस वर्ष फिल्म ‘‘पद्मावती’’ को लेकर भी काफी विवाद रहा और राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने एक साथ मिलकर इसके रिलीज का विरोध किया. राजपूत समुदाय के लोगों ने इस फिल्म का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है. हालांकि साल समाप्त होते-होते फिल्म को लेकर विवाद के सुलझने की संभावना बनी है.

दो फिल्मों ‘‘एस दुर्गा’’ और ‘‘न्यूड’’ को अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में नहीं दिखाये जाने पर भी विवाद छिड़ गया था. जूरी ने इन दोनों फिल्मों को इस वार्षिक महोत्सव में दिखाये जाने की सिफारिश की थी. मंत्रालय सभी टेलीविजन चैनलों को एक परामर्श जारी करने के लिए भी सुर्खियों में रहा. मंत्रालय ने इस परामर्श में कहा था कि रात दस बजे से सुबह छह बजे की समयावधि में ही कंडोम के विज्ञापनों का प्रसारण किया जाये. जाने-माने पत्रकार ए सूर्यप्रकाश को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए प्रसार भारती का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. वह आठ फरवरी, 2020 तक इस पद पर रहेंगे. इस वर्ष झारखंड के लिए एक अलग चैनल 24x7 डीडी चैनल की घोषणा की गई. इस वर्ष पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की वेबसाइट को एक नया रूप मिला जबकि डीडी न्यूज के एक नये पोर्टल की शुरुआत भी की गई.

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