YEAR ENDER 2018: रेलवे के नाम जुड़ीं इंजनलेस ट्रेन T-18 और बोगीबिल रेल-सड़क पुल की उपलब्धि
Advertisement

YEAR ENDER 2018: रेलवे के नाम जुड़ीं इंजनलेस ट्रेन T-18 और बोगीबिल रेल-सड़क पुल की उपलब्धि

रेलवे का दावा है कि बड़ी लाइन पर इस साल सिर्फ 28 ही मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग बच गए हैं. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: दशहरा के मौके पर एक हादसे में 61 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत, देश में बने पहले ट्रेन सेट (इंजन और कोच समेत रेल उपकरण) का उपयोग और ब्रह्मपुत्र नदी पर चिरप्रतीक्षित बोगीबील रेल-सड़क सेतु का उद्घाटन भारतीय रेल के लिए 2018 की कुछ ऐसी घटनाएं हैं, जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा. इसके अलावा, साल की समाप्ति पर रेलवे की वित्तीय हालत भी खराब है क्योंकि, नवंबर के आखिर में परिचालन अनुपात (ओआर) 112.91 फीसदी के करीब हो गया. मतलब रेलवे को 100 रुपये कमाने के लिए 113 रुपए खर्च करना पड़ रहा है. 

रेलवे की कुल आमदनी लक्ष्य के मुकाबले कम है. नवंबर के आखिर तक 1,22,436.64 करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले रेलवे की कमाई 1,14,595.43 करोड़ रुपए थी. इस तरह यह लक्षित आय से 7,841.21 करोड़ रुपए कम है. माली वित्तीय हालत के बावजूद, विद्युतीकरण, पटरियों के नवीनीकरण और मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग समाप्त करने के मामले में इस साल रेलवे की उपलब्धि याद की जाएगी. ये तीनों रेलमंत्री पीयूष गोयल की प्रमुख परियोजनाएं हैं. 

रेलवे का दावा है कि बड़ी लाइन पर इस साल सिर्फ 28 ही मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग बच गए हैं. इसके अलावा, रेलवे ने 5,509 किलोमीटर पटरी को बदलने का लक्ष्य रखा है, ताकि ट्रेन के बेपटरी होने के हादसों को रोका जाए. इन प्रयासों के बाद भी इस साल नवंबर तक कुल 44 रेल हादसे हुए जिनमें 35 ट्रेनों के बेपटरी हो जाने की घटनाएं शामिल हैं. इन हादसों में 10 अक्टूबर की घटना काफी भयानक थी. उत्तर प्रदेश के रायबरेली के पास न्यू फरक्का एक्सप्रेस के आठ कोच के पटरी से उतर जाने से हुए हादसे में सात लोग मारे गए और नौ अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए. 

उत्तर प्रदेश के ही कुशीनगर जिले में एक मानवरहित क्रॉसिंग पर 26 अप्रैल को तेज रफ्तार पैसेंजर ट्रेन से एक वैन के टकरा जाने पर वैन में सवार करीब 13 स्कूली बच्चों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए. वैन में कुशीनगर के डिवाइन मिशन स्कूल के 20 छात्र सवार थे. इस साल का सबसे दुखद रेल हादसा 19 अक्टूबर का है, जिसमें तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से 61 लोगों की मौत हो गई. यह दुर्घटना दशहरा त्योहार के मौके पर अमृतसर में घटी, जहां रावण का पुतला-दहन देखने जुटी भारी भीड़ रेल पटरी पर आ गई थी. इस भीड़ में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. 

इस साल रेलवे ने स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के अलावा सफर के दौरान कोचों की निगरानी प्रणाली और रखरखाव को दुरुस्त करने के साथ-साथ सिग्नल समेत विभिन्न प्रणालियों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का विकल्प तलाशने संबंधी प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान दिया. दरअसल, रेलवे अपने ग्राहकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से भी आगे बढ़कर इमोशनल इंटेलीजेंस को अपनाने का विकल्प तलाश रही है. इमोशनल इंटेलीजेंस पर विचार करने वाला रेलवे सरकारी क्षेत्र का पहला उपक्रम है. 

इस साल समर्पित किराया गलियारे (डीएफसी) में सीमित खंड को खोला गया, वह भी सिर्फ परीक्षण के लिए. यह रेलवे की प्रमुख परियोजना है. डीएफसी के पश्चिमी कोरिडोर स्थित अटेली-फुलेरा खंड पर 192 किलोमीटर पर आखिरकार अगस्त में पहला परीक्षण हुआ. इसके बाद दूसरा परीक्षण पूर्वी कोरिडोर स्थित भदान-खुर्जा खंड पर 194 किलोमीटर के बीच हुआ. दोनों खंडों पर परीक्षण डीजल इंजन से किया गया, जबकि डीएफसी के पूरी तरह विद्युतीकृत होने की उम्मीद है. इसके बाद असम में देश का सबसे लंबा बोगीबील रेल-सड़क सेतु और देश में बना पहला ट्रेन इस साल की रेलवे की बड़ी उपलब्धियां हैं. 

(इनपुट आईएएनएस से)

Trending news