Zee जानकारी: भारतीयों की अमीरी का विश्लेषण
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Zee जानकारी: भारतीयों की अमीरी का विश्लेषण

Zee जानकारी: भारतीयों की अमीरी का विश्लेषण

हमारे देश के बारे में आम तौर पर यही कहा जाता है कि भारत गरीबों का देश है। समय-समय पर भारतीयों की गरीबी दिखाने वाले आंकड़े आते रहते हैं। जिन्हें देखकर कई बार शर्म भी आती है और अफसोस भी होता है। लेकिन अब भारत की अमीरी पर भी एक रिपोर्ट आई है, जिससे पता चला है कि भारत के लोगों की संपत्ति में सिर्फ 6 महीने में ही 10 प्रतिशत का इज़ाफा हुआ है। 

‘New World Wealth’ नामक इस नई रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में जून से लेकर दिसंबर के बीच भारत के लोगों की संपत्ति में 10% का इजाफा हुआ है। जून 2016 तक भारतीय लोगों की कुल संपत्ति 375 लाख करोड़ रुपए थी जो दिसंबर में बढ़कर 415 लाख करोड़ रुपये हो गई है। भारत में 2 लाख 64 हज़ार करोड़पति हैं, और 95 अरबपति हैं। कुल संपत्ति के लिहाज से भारत दुनिया में छठे नंबर पर है। इस रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई को भारत का सबसे अमीर शहर बताया गया है। इस रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि दुनिया भर में 1 करोड़ 36 लाख करोड़पति हैं। और आने वाले समय में सबसे ज्यादा नए करोड़पति भारत, चीन, वियतनाम, मॉरिशस और श्रीलंका से बनेंगे।

यहां आपको ये बता दें कि ‘New World Wealth’ रिपोर्ट में करोड़पति उन लोगों को माना गया है जिनके पास एक मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 6 करोड़ 70 लाख रुपये की संपत्ति है और अरबपति उन लोगों को माना गया है जिनके पास एक बिलियन डॉलर यानी 6 हजार 700 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

भारत के शहरों की बात करें तो 55 लाख करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ मुंबई पहले नंबर पर है, मुंबई में 46 हजार लोग करोड़पति हैं और अरबपतियों की संख्या 28 है। दूसरे नंबर पर दिल्ली का नाम आता है 30 लाख करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ यहां 23 हजार करोड़पति हैं और 18 अरबपति। जबकि तीसरे नंबर पर कोलकाता, चौथे नंबर पर हैदराबाद, पांचवे पर बैंगलुरु और छठे नंबर पर पुणे है। इसी लिस्ट में अगर गुरुग्राम और चेन्नई के अमीरों की संख्या को जोड़ दें तो देश के 79% अरबपति इन्हीं 8 शहरों में रहते हैं।

इन आंकड़ों को देखकर आप ये कहेंगे कि देश अमीर हो रहा है। लेकिन ये आधा सच है, क्योंकि भारत में गरीबी और गरीबों की कोई कमी नहीं है। भारत में दुनिया के सबसे ज़्यादा गरीब रहते हैं और इन गरीबों की संख्या 22 करोड़ से ज़्यादा है। अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी संस्था Oxfam की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 360 करोड़ अति गरीब लोगों में से करीब 25% भारतीय उपमहाद्वीप में ही रहते हैं। 

ये एक शर्मनाक स्थिति है कि क्योंकि भारत के सिर्फ 1 प्रतिशत लोगों के पास देश की 58 प्रतिशत दौलत है। जबकि बाकी के 99 प्रतिशत लोगों के पास सिर्फ 42 प्रतिशत दौलत है। भारत के करीब 20 करोड़ लोग आज भी हर रात भूखे सोते हैं,जबकि 18 लाख लोगों के सिर पर किसी तरह की कोई छत नहीं है। यानी भारत में अमीरी और गरीबी के बीच की खाई और ज्यादा बढ़ती जा रही है। अमीर और ज़्यादा अमीर हो रहे हैं और गरीबों को अपनी गरीबी से आज़ादी नहीं मिल पा रही है।

ऐसा तब है जब भारत में हर राजनीतिक पार्टी का सबसे बड़ा वादा गरीबी उन्मूलन का होता है। हर पार्टी इसी वादे के साथ सत्ता में आती है कि वो गरीबी को खत्म कर देगी, लेकिन सच्चाई ये है कि भारत में अब भी गरीबी बहुत ज्यादा है।

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