Zee जानकारी : जेएनयू में भारत विरोधी नारों पर ज़ी न्यूज की रिपोर्टिंग के बाद जागा सिस्टम
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Zee जानकारी : जेएनयू में भारत विरोधी नारों पर ज़ी न्यूज की रिपोर्टिंग के बाद जागा सिस्टम

भारत का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता और देशद्रोहियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जा सकता। देश के खिलाफ एजेंडा चलाने वालों को ज़ी न्यूज़ हमेशा करारा जवाब देता है। संसद हमले के दोषी अफज़ल गुरु की फांसी की बरसी मनाने वाले जेएनयू के छात्रों के खिलाफ ज़ी न्यूज़ ने सबसे पहले आवाज़ उठाई थी। और सवाल उठाया था कि भारत की बर्बादी और कश्मीर की आज़ादी के नारे बुलंद करने वाले देशद्रोही आज़ाद कैसे घूम सकते हैं? ज़ी न्यूज़ पर खबर दिखाए जाने के बाद पूरे देश के मन में इस घटना को लेकर नाराज़गी थी।

Zee जानकारी : जेएनयू में भारत विरोधी नारों पर ज़ी न्यूज की रिपोर्टिंग के बाद जागा सिस्टम

नई दिल्ली : भारत का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता और देशद्रोहियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जा सकता। देश के खिलाफ एजेंडा चलाने वालों को ज़ी न्यूज़ हमेशा करारा जवाब देता है। संसद हमले के दोषी अफज़ल गुरु की फांसी की बरसी मनाने वाले जेएनयू के छात्रों के खिलाफ ज़ी न्यूज़ ने सबसे पहले आवाज़ उठाई थी। और सवाल उठाया था कि भारत की बर्बादी और कश्मीर की आज़ादी के नारे बुलंद करने वाले देशद्रोही आज़ाद कैसे घूम सकते हैं? ज़ी न्यूज़ पर खबर दिखाए जाने के बाद पूरे देश के मन में इस घटना को लेकर नाराज़गी थी।

ज़ी न्यूज़ ने इस ज्वलंत मुद्दे पर देश को जगाने वाली रिपोर्टिंग की जिसके बाद सिस्टम की आंखें खुली हैं। जेएनयू में हुईं देशद्रोही गतिविधियों के खिलाफ हमारे सिस्टम ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।

आपको बता दें कि दिल्ली के वसंत कुंज थाने की पुलिस ने कल यानी गुरुवार को देशद्रोह की धारा 124 ए और आपराधिक साज़िश रचने की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था और अब इसी एफआईआर के तहत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है।

ज़ी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को जेएनयू कैंपस में कन्हैया कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया और बाद में थाने ले जाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी कन्हैया कुमार को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया।

पुलिस का कहना है कि वो कस्टडी के दौरान ये भी जांच करेगी कि कहीं कन्हैया कुमार और उसके साथियों के तार किसी आतंकी संगठन से तो नहीं जुड़े हुए हैं। पुलिस ने इस मामले में कुल 6 लोगों को आरोपी बनाया है। हालांकि जेएनयू में देशद्रोही आयोजन का कर्ताधर्ता उमर खालिद नामक व्यक्ति अभी भी आज़ाद है। 

यहां एक बात को समझना बहुत ज़रूरी है कि अगर जेएनयू जैसे शिक्षा के मंदिरों में देशद्रोह के बीज बोए जाएंगे तो फिर देश को दूसरे विश्वविद्यालयों में भी कुछ समय बाद आतंक के पेड़ दिखाई देने लगेंगे जो शैक्षिक संस्थानों के मूल चरित्र के साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी होगी। शिक्षा के मंदिरों में देशद्रोह को पनपने की इजाज़त नहीं दी जा सकती। हमारी ये मुहिम जेएनयू और प्रेस क्लब जैसे अहम संस्थानों के अंदर कुछ लोगों द्वारा चलाए जा रहे नफरत के एजेंडे के खिलाफ है। इस सोच को पहचानना और इसका साफ शब्दों में विरोध करना इस समय देश की सबसे बड़ी ज़रूरत है। 

किसी को भी सरकार और सिस्टम के खिलाफ बोलने की आज़ादी मिल सकती है। किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ बोलने की आज़ादी मिल सकती है लेकिन देश के खिलाफ बोलने और देश को कोसने की आज़ादी किसी को नहीं दी जा सकती। दुख की बात ये है कि ऐसे लोग पासपोर्ट य़हीं से लेते हैं। राशन कार्ड यहीं का लेते हैं। सब्सिडी और भत्ते यहीं से लेते हैं लेकिन गुणगान पाकिस्तान का करते हैं।

हमारे देश में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने धर्मनिरपेक्ष शब्द का बहुत ज़्यादा दुरुपयोग किया है। ऐसे लोगों ने सेक्यूलर शब्द को एक ढाल बनाकर देश को नुकसान पहुंचाने वाली राजनीति की है और सेक्यूलर शब्द की आड़ में देश को तोड़ने और आतंक फैलाने वालों को बढ़ावा दिया है। वक़्त की मांग ये है कि भारत को सेक्यूलर शब्द की सही परिभाषा को पढ़ने और समझने की ज़रूरत है।

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