Zee जानकारी : गुलामी के शिकंजे में हैं 1 करोड़ 83 लाख भारतीय
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Zee जानकारी : गुलामी के शिकंजे में हैं 1 करोड़ 83 लाख भारतीय

 Zee जानकारी : गुलामी के शिकंजे में हैं 1 करोड़ 83 लाख भारतीय

दास प्रथा पर कानूनी तौर पर रोक तो लग गई है पर ये प्रथा आज भी कायम है। फर्क इतना है कि अब इसने नये मुखौटे पहन लिए हैं। नये global slavery index के मुताबिक दुनियाभर में करोड़ों लोग 'आधुनिक गुलामी' के शिकार हैं, और इनमें सबसे ज्यादा गुलाम हमारे अपने देश भारत में ही रहते हैं। यहां आपको आधुनिक गुलामी की परिभाषा भी समझनी होगी, जिसके आधार पर ये Index तैयार किया गया है। इस Index को तैयार करने के दौरान ये देखा गया कि दुनिया के अलग अलग देशों में लोगों के अधिकारों का कितना सम्मान होता है। उन्हें शारीरिक सुरक्षा के साथ-साथ भोजन, पानी और चिकित्सा जैसी, जीवन की मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं या नहीं? इसके अलावा बंधुआ मज़दूरी, वेश्यावृत्ति और भीख मांगना भी आधुनिक गुलामी के दायरे में शामिल है। इन Factors के आधार पर तैयार किए गये global slavery index में भारत सबसे ऊपर है। 

- भारत में गुलामों की संख्या एक करोड़ 83 लाख 50 हज़ार है।

- पिछले दो वर्षों में भारत में आधुनिक गुलामों की संख्या बढ़ी है, वर्ष 2014 में भारत में 1 करोड़ 40 लाख गुलाम थे । यानी पिछले दो वर्षों में भारत के 43 लाख 50 हज़ार लोग गुलाम बन गए।

- आज पूरी दुनिया में ऐसे आधुनिक गुलामों की तादाद करीब 4 करोड़ 60 लाख है। 

- दुनिया के 167 देशों में आधुनिक गुलामी पाई गई है। दुनिया भर के आधुनिक गुलामों में से 58% सिर्फ एशिया के 5 देशों में रहते हैं। 

- इस index में भारत के बाद चीन का नंबर आता है, जहां 33 लाख 90 हज़ार गुलाम हैं जबकि इसके बाद पाकिस्तान है, जहां 21 लाख 30 हज़ार गुलाम हैं।

- बांग्लादेश में 15 लाख 30 हज़ार और उज़्बेकिस्तान में 12 लाख 30 हज़ार गुलाम हैं। 

- जनसंख्या के अनुपात में Luxembourg, Ireland, Norway, Denmark, Switzerland, Austria, Sweden और Belgium में सबसे कम लोग गुलाम हैं।

हम अक्सर भारत को विश्व गुरू बनाने का सपना देखते हैं, लेकिन इसके लिए भारत को गुलामी की ज़ंजीरें तोड़नी होंगी। और ये सिर्फ पूर्ण स्वराज के ज़रिए ही संभव है.. जिस दिन भारत के नागरिकों को पीने के लिए साफ पानी मिलेगा, खाने के लिए भोजन मिलेगा, रहने के लिए मकान मिलेगा और जीवन चलाने के लिए रोज़गार मिलेगा उस दिन भारत के माथे से गुलामी का कलंक हमेशा के लिए मिट जाएगा। जिस दिन आम आदमी को सम्मानजनक जीवन जीने की आज़ादी मिल जाएगी उस दिन हमारे देश में सही मायने में स्वराज आ जाएगा।

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