ZEE जानकारीः ISRO का 'बाहुबली' आसमान चीरते हुए सफर पर निकला
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ZEE जानकारीः ISRO का 'बाहुबली' आसमान चीरते हुए सफर पर निकला

ये भारत के सबसे नए और सबसे ताकतवर Rocket, GSLV- Mark Three D-2 की तस्वीरें हैं. 

ZEE जानकारीः ISRO का 'बाहुबली' आसमान चीरते हुए सफर पर निकला

आज विश्लेषण की शुरुआत करने से पहले आप सभी से एक सवाल पूछना चाहता हूं. क्या आपने आज शाम 5 बजकर 8 मिनट पर आसमान की तरफ देखा था ? शायद नहीं देखा होगा. बहुत से लोग ये भी कहेंगे कि आसमान को देखने का कोई मतलब नहीं है. प्रदूषण इतना ज़्यादा है कि नीले आसमान के बजाए धुंध और काला धुआं ही दिखता है.

लेकिन आज शाम 5 बजकर 8 मिनट का वक्त, आसमान की ओर देखने.. और सैल्यूट करने का था. क्योंकि, ठीक उसी वक्त ISRO यानी Indian Space Research Organisation का एक 'बाहुबली' आसमान का सीना चीरते हुए, अपने सफर पर निकला था. ये बाहुबली कौन है और इसकी क्या ख़ासियत है, इसकी बात हम आगे करेंगे. सबसे पहले आप 2 मिनट का समय निकालकर, श्री हरिकोटा के सतीष धवन अंतरिक्ष केंद्र से आया, ये Video देखिए.

ये भारत के सबसे नए और सबसे ताकतवर Rocket, GSLV- Mark Three D-2 की तस्वीरें हैं. जिसकी मदद से आज 3 हज़ार 423 किलोग्राम वाले G-SAT-29 को Launch किया गया. आपको बता दें, कि GSAT मूल रुप से Communications Satellites यानी संचार उपग्रह होते हैं. जिनका काम जानकारियां इकट्ठा करना होता है. Satellite को इस तरह Design किया गया है, ताकि ये 10 वर्षों तक अपनी सेवाएं दे सकें. विज्ञान की भाषा में कहें, तो इसकी Mission Life, दस वर्ष है.

इसकी मदद से जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद मिलेगी. इस Satellite पर एक खास किस्म का High Resolution कैमरा लगाया गया है. इस कैमरे का नाम है GEO-EYE...जिसकी मदद से हिंद महासागर में दुश्मनों के जहाज़ों पर भी नज़र रखी जाएगी. 

आपको बता दें, कि GSLV- Mark Three, ISRO द्वारा Develop किया गया, Fifth Generation Launch Vehicle है. ये Rocket, 43 दशमलव 4 मीटर लंबा है. साधारण भाषा में कहें, तो ये 13 मंज़िला इमारत से भी ऊंचा है. बावजूद इसके ये भारत का सबसे छोटा Launch Vehicle है. ये 4 हज़ार किलोग्राम के वज़न वाले Satellites को लेकर अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर सकता है. किसी ज़माने में भारत को भारी सैटेलाइट Launch करने के लिए फ्रांस की मदद लेनी पड़ती थी. लेकिन पिछले साल ही ISRO ने इस समस्या का समाधान ढूंढ लिया था. तब, GSLV Mark Three रॉकेट की मदद से, GSAT-19 Communications Satellite को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया था. और उसी वक्त भारत को भारी Satellite Launch करने की स्वदेशी क्षमता मिल गई थी. लेकिन अब वो क्षमता पहले से ज़्यादा मज़बूत हो गई है. GSLV- Mark Three D-2, भारत का अबतक का सबसे भारी रॉकेट है. ये क़रीब 6 लाख किलोग्राम का है. दूसरी भाषा में कहें, तो इसका वज़न 7 हवाई जहाज़ों के कुल वज़न के बराबर है. एक और अनुमान के मुताबिक.. अगर एक हाथी के वज़न को करीब 3 हज़ार किलोग्राम मान लिया जाए, तो इस रॉकेट का वज़न करीब 200 हाथियों के बराबर है. 

GSLV- Mark Three सीरीज़ के Rockets की मदद से ही भविष्य में, भारत के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है. हालांकि, भारत के पहले Man Mission में अभी 4 वर्ष का समय बचा हुआ है. इसलिए फिलहाल आप ISRO की क़ामयाब उड़ान का DNA टेस्ट देखिए. क्योंकि, इस कामयाबी के पीछे कई दशकों की कड़ी मेहनत छिपी है. आज हमने इस कामयाबी का एक Supersonic विश्लेषण तैयार किया है. इस रॉकेट की कामयाबी ने भारत को अतंरिक्ष की उस कक्षा में स्थापित कर दिया है, जिसे दुनिया में बहुत सम्मान की नज़र से देखा जाता है. हमें लगता है कि ISRO.. भारत की सबसे देशभक्त संस्थाओं में से एक हैं. जिसने हमेशा देश का नाम रौशन किया है. इसलिए हम इस मिशन से जुड़े हर वैज्ञानिक को दिल से सलाम करते हैं. आज पूरे भारत को वैज्ञानिकों की इस कामयाबी का जश्न मनाना चाहिए.

ISRO की एक और क़ामयाब उड़ान के बाद देश को यकीन हो चुका है, कि अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की मज़बूत दावेदारी को कोई टक्कर नहीं दे सकता. हालांकि, दुनिया में कई ऐसे लोग और Media Houses हैं, जिनसे ISRO की कामयाबी देखी नहीं जाती. वो अक्सर ऐसी क़ामयाबियों को लेकर टीका-टिप्पणी करते हैं. और भारत की उपलब्धियों को कमतर बताकर देश का अपमान करते हैं.

लेकिन ISRO के वैज्ञानिक बार बार अपनी काबिलियत और मेहनत से ऐसे लोगों का मुंह बंद करवा देते हैं. पिछले कुछ समय से ISRO के वैज्ञानिकों के जुनून की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. दूसरे देशों के Technology Experts भी ISRO की कामयाबी से हैरान हैं. ऐसे ही एक Expert हैं.. Singapore के Entrepreneur और Engineer, Lei Shi...15 सितम्बर 2018 को Lei Shi ने ISRO और दुनिया की दूसरी Space Agencies का एक तुलनात्मक अध्ययन किया था. और इस दौरान Lei ने जो कुछ भी कहा था, उसे सुनकर एक भारतीय होने के नाते आपका दिल खुश हो जाएगा.

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