सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सिविल सेवा परीक्षा को RTI के दायरे से किया बाहर
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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सिविल सेवा परीक्षा को RTI के दायरे से किया बाहर

सिविल सर्विसेज परीक्षा (UPSC) को आरटीआई से बाहर कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के पांच साल पुराने फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि यूपीएससी के सूचना के अधिकार (आरटीआई) में रहने के चलते चयन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है.

आरटीआई के दायरे से बाहर हुआ यूपीएससी.

नई दिल्ली: सिविल सर्विसेज परीक्षा (UPSC) को आरटीआई से बाहर कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के पांच साल पुराने फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि यूपीएससी के सूचना के अधिकार (आरटीआई) में रहने के चलते चयन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले में संघ लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया था कि वो सिविल सर्विस के प्रिलिम्स परीक्षा में परिक्षार्थियों की ओर से अर्जित अंकों को सार्वजनिक करे.

  1. सुप्रीम कोर्ट ने UPSC को RTI के दायरे से किया बाहर
  2. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के 5 साल पुराने फैसले को पलटा
  3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इससे प्रभावित होती हैं चयन प्रक्रिया

विशेष मामलों में कोर्ट के आदेश पर UPSC सार्वजनिक करेगा डिटेल
गुरुवार को जस्टिस आदर्श के गोयल और उदय यू ललित की बेंच ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अंकों को सार्वजनिक करने का गहरा नकरात्मक असर मूल्यांकन प्रक्रिया पर पड़ सकता है. इससे न केवल प्रतिष्ठा बल्कि सिस्टम की अखंडता के साथ समझौता करने के बराबर होगा. अन्य शैक्षणिक निकायों की परीक्षाओं की स्थिति अलग-अलग स्तर पर खड़ी हो सकती है. कच्चे अंक प्रस्तुत करने से यूपीएससी की ओर से उपरोक्त जाहिर किए गए मुद्दों की वजह से समस्याएं पैदा हो सकती हैं जो कि सार्वजनिक हित में नहीं होगी.'

ये भी पढ़ें: UPSC: सिविल सेवा परीक्षा में आयु सीमा घटाने संबंधी रिपोर्ट पर विचार कर रहा केंद्र

हालांकि, खंडपीठ ने कहा कि अगर कोई मामला सामने आया है, जहां न्यायालय को पता चलता है कि सार्वजनिक हित में जानकारी देने की आवश्यकता है, तो कोर्ट निश्चित रूप से ऐसा करने के लिए हकदार है.

UPSC ने परीक्षा में बैठने की योग्यता को लेकर किए ये बदलाव
1. नई अधिसूचना के मुताबिक, परीक्षा देने के लिए अधिकतम आयु सीमा में बढ़ोतरी की गई है. सरकार ने नियम 6(b)(vii) लाकर, सिविल सर्विसेज परीक्षा 2018 के नियम 6 के नोट-I और नोट-III में बदलाव कर अधिकतम आयु सीमा बढ़ा दी है. 
2. जम्मू-कश्मीर में 1 जनवरी, 1980 से 31 दिसबंर, 1989 से निवास कर रहे उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा से 5 साल की रियायत मिलेगी.
3. परीक्षा के लिए आवेदन करने की आयु सीमा 21 से 32 वर्ष निर्धारित की गई है. अधिकतम आयु सीमा से विभिन्न आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को रियायत मिलती है. इनमें एससी/एसटी, ओबीसी और अन्य श्रेणिया शामिल हैं. वहीं अब जम्मू कश्मीर निवासियों (1 जनवरी, 1980 से 31 दिसबंर, 1989 निवास कर रहे) को अधिकतम आयु सीमा से 5 वर्ष की रियायत मिलेगी. 
4. सिविल सर्विसेज प्रीलिमिनरी एग्जामिनेशन 2018 की मुख्य अधिसूचना 7 फरवरी 2018 को जारी की गई थी. 
5. आवेदन प्रक्रिया जारी है और यह 6 मार्च 2018 तक चलेगी. इच्छुक और योग्य उम्मीदवार upsconline.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं.

 

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