कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत से नौ सीटें दूर रह गई.
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बेंगलुरु: कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने बुधवार (16 मई) को कहा कि पार्टी के विधायकों को दूसरी जगह भेजा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर अपने पार्टी विधायकों को खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक से शिफ्ट करने के सवाल पर शिवकुमार ने एएनआई से कहा, 'बिल्कुल, ऐसा करने की हमारी योजना है. हमें अपने विधायकों को सुरक्षित रखना होगा. हम आपको बताएंगे कि हमारी आगे की योजना क्या है.'
कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त के सवाल पर शिवकुमार ने कहा, 'हम जानते हैं कि वे लोग (भाजपा) हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. हर रोज यहां काफी दबाव है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है क्योंकि दो दलों के पास जरूरी संख्या बल मौजूद है. लोग देख रहे हैं.' वहीं दूसरी ओप भाजपा विधायक ईश्वरप्पा ने कहा है कि कर्नाटक की जनता ने अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और जेडीएस के कुछ विधायक हमारे संपर्क में हैं.
Yes definitely there is a plan. We have to safeguard our MLAs, We will let you know what is the plan: DK Shivakumar, Congress on being asked if Congress MLAs in Karnataka will be shifted somewhere else pic.twitter.com/WxyIDAFLcW
— ANI (@ANI) May 16, 2018
भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत से नौ सीटें दूर रह गई. उधर कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए नाटकीय रूप से चुनाव बाद गठबंधन के तहत तीसरे नंबर की पार्टी जद (एस) को अपना समर्थन दे दिया है. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति सामने आने के बाद सबसे बड़े दल भाजपा और चुनाव पश्चात बने कांग्रेस-जद (एस) के गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद राज्य में भावी सरकार को लेकर संशय और गहरा गया है.
They (BJP) are poaching our MLAs, we know that. Everyday there is a lot of pressure. But it not so easy because two parties have the necessary number. People are watching this: DK Shivakumar, Congress #KarnatakaElections2018 pic.twitter.com/ByrMuW2o9X
— ANI (@ANI) May 16, 2018
सारी नजरें अब राज्यपाल वजुभाई वाला पर टिक गई हैं. उन्हें फैसला करना है कि वह सरकार बनाने के लिये सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा को आमंत्रित करें या कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को बुलाएं. इस गठबंधन को अब तक घोषित परिणामों और रुझानों के हिसाब से 224 सदस्यीय विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल है.
भाजपा 104 तो कांग्रेस 78 सीटों पर विजयी
राज्य की 224 में से 222 विधानसभा सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था. आर आर नगर सीट पर कथित चुनावी कदाचार की वजह से चुनाव टाल दिया गया, जबकि जयनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया. चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार जिन 222 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराए गए थे उसमें से भाजपा ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है. भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 64 सीटों का फायदा हुआ है.
वहीं, कांग्रेस ने 78 सीटों पर जीत दर्ज की है. उसे पिछले चुनाव की तुलना में 44 सीटों का नुकसान हुआ है. हालांकि, उसे हासिल मतों का प्रतिशत भगवा पार्टी से लगभग दो फीसदी अधिक है. जद (एस) ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है. उसे तीन सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि उसकी सहयोगी बसपा ने एक सीट अपनी झोली में डाली है. केपीजेपी को एक सीट मिली है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बंधा है.
राज्य विधानसभा चुनाव में 72.13 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस को 38 फीसदी मत मिले, जबकि भाजपा को 36.2 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की जद (एस) को 18.4 फीसदी वोट मिले हैं.