कर्नाटक में सरकार बनाने की कोशिश में लगी कांग्रेस ने पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें 12 विधायक नहीं पहुंचे.
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बेंगलुरु: कर्नाटक में सरकार बनाने की कोशिश में लगी कांग्रेस ने बुधवार (16 मई) को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें 12 विधायक नहीं पहुंचे. इसके बाद से तरह-तरह के कयास लगने शुरू हो गए क्योंकि कांग्रेस पहले ही विधायकों के खरीद फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) की आशंका जता चुकी है. वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि विधायकों के बैठक में नहीं पहुंचने से घबराई कांग्रेस ने उन्हें लाने के लिए हेलिकॉप्टर भेज दिए हैं. कांग्रेस विधायक एम.बी. पाटिल ने भी पार्टी विधायकों के दूसरे दल में जाने की खबरों को अफवाह बताते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. पाटिल ने कहा, 'हम सभी साथ हैं, सभी गलत खबरें हैं. हकीकत तो यह है कि भाजपा के 6 विधायक हमारे संपर्क में हैं.'
We are all together All this is false news. In fact there are 6 BJP people, who are touch with us: MB Patil, Congress. #KarnatakaElections2018 pic.twitter.com/g7I59nQ16o
— ANI (@ANI) May 16, 2018
भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत से नौ सीटें दूर रह गई. उधर कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए नाटकीय रूप से चुनाव बाद गठबंधन के तहत तीसरे नंबर की पार्टी जद (एस) को अपना समर्थन दे दिया है. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति सामने आने के बाद सबसे बड़े दल भाजपा और चुनाव पश्चात बने कांग्रेस-जद (एस) के गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद राज्य में भावी सरकार को लेकर संशय और गहरा गया है.
सारी नजरें अब राज्यपाल वजुभाई वाला पर टिक गई हैं. उन्हें फैसला करना है कि वह सरकार बनाने के लिये सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा को आमंत्रित करें या कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को बुलाएं. इस गठबंधन को अब तक घोषित परिणामों के हिसाब से 224 सदस्यीय विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल है.
भाजपा 104 तो कांग्रेस 78 सीटों पर विजयी
राज्य की 224 में से 222 विधानसभा सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था. आर आर नगर सीट पर कथित चुनावी कदाचार की वजह से चुनाव टाल दिया गया, जबकि जयनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया. चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार जिन 222 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराए गए थे उसमें से भाजपा ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है. भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 64 सीटों का फायदा हुआ है.
वहीं, कांग्रेस ने 78 सीटों पर जीत दर्ज की है. उसे पिछले चुनाव की तुलना में 44 सीटों का नुकसान हुआ है. हालांकि, उसे हासिल मतों का प्रतिशत भगवा पार्टी से लगभग दो फीसदी अधिक है. जद (एस) ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है. उसे तीन सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि उसकी सहयोगी बसपा ने एक सीट अपनी झोली में डाली है. केपीजेपी को एक सीट मिली है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बंधा है.
राज्य विधानसभा चुनाव में 72.13 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस को 38 फीसदी मत मिले, जबकि भाजपा को 36.2 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की जद (एस) को 18.4 फीसदी वोट मिले हैं.