कर्नाटक : 'हमारे विधायकों को रिसॉर्ट में भी धमकियां मिल रही है'- कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद
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कर्नाटक : 'हमारे विधायकों को रिसॉर्ट में भी धमकियां मिल रही है'- कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद

आजाद ने कहा कि आज देश और विपक्ष दोनों जल रहे हैं. प्रदेश में कांग्रेस बहुमत साबित करने में कामयाब होगी, क्योंकि हमें सबसे ज्यादा विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. 

इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को खरदीने की कोशिश कर रही है. (फाइल फोटो)

बेंगलुरु : कर्नाटक में सियासी समीकरण के बीच राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कोर्ट गई कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'हमारे विधायकों को धमकियां मिल रही हैं. विधायकों को धमकी मिलने के बाद उन्हें सुरक्षा के लिहाज से हैदराबाद लाया गया है.' 

जल रहा है देश और विपक्ष-आजाद
मीडिया से मुखातिब होते हुए आजाद ने कहा कि आज देश और विपक्ष दोनों जल रहे हैं. प्रदेश में कांग्रेस बहुमत साबित करने में कामयाब होगी, क्योंकि हमें सबसे ज्यादा विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस संयुक्त रूप से सरकार बनाने में कामयाब होंगी.

हैदराबाद लाए गए विधायक
बता दें कि देर रात कांग्रेस और जेडीएस के कुछ विधायकों को लेकर 3 बसें बेंगलुरू से हैदराबाद के लिए चली जो सुबह 9 बजे पहुंची. कांग्रेस और जेडीएस के विधायक पार्क हयात होटल पहुंचे. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक कांग्रेस और जेडीएस ने यह कदम विधायकों को खरीद-फरोख्त का हिस्सा होने से बचने के लिए उठाया है. 

सुप्रीम कोर्ट में येदियुरप्पा की अग्निपरीक्षा
बीएस येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज (शुक्रवार) सुबह 10.30 बजे सुनवाई होगी, जिसमें येदियुरप्पा को 15 और 16 मई को राज्यपाल वजुभाई वाला को लिखे वे दोनों पत्र पेश करने होंगे, जिनमें उन्होंने सरकार बनाने का दावा किया है.

इससे पहले राज्यपाल पर लगाया था आरोप
येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता देने के बाद गुलाम नबी आजाद ने बुधवार (16 मई) को कहा था कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन हमारे पास उनसे ज्यादा विधायक हैं. आजाद ने कहा, 'सबसे बड़ी पार्टी के पास बहुमत नहीं है, बीजेपी को 104 सीटें मिली हैं. हमारे (कांग्रेस-जेडीएस) पास 117 विधायक हैं. राज्यपाल पक्षपात नहीं कर सकते. जो इस पद पर संविधान की रक्षा के लिए हैं, क्या वह इसे नष्ट भी कर सकता है?'

 

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