राहुल की '15 मिनट की चुनौती' से कर्नाटक में भाजपा-कांग्रेस में घमासान छिड़ा
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राहुल की '15 मिनट की चुनौती' से कर्नाटक में भाजपा-कांग्रेस में घमासान छिड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की '15 मिनट की चुनौती' की टिप्पणी के बाद कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है. 

सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री के उस दावे का भी खंडन किया कि कर्नाटक सरकार कृषि संकट के लिए "उदासीन" थी.(फाइल फोटो)

बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की '15 मिनट की चुनौती' की टिप्पणी के बाद कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है. मोदी ने मंगलवार(1 मई) एक चुनावी रैली में राहुल पर कटाक्ष करते हुए उन्हें सिद्धारमैया सरकार की उपलब्धियों के बारे में कागज से पढ़े बिना 15 मिनट के लिए किसी भी भाषा में बोलने की चुनौती दी थी. मोदी की इस चुनौती पर मुख्यमंत्री ने पलटवार किया है. सिद्धारमैया ने ट्विटर पर कहा, ‘‘ मैं आपको ( मोदी ) कर्नाटक की पूर्व बी एस येदियुरप्पा सरकार की उपलब्धियों के बारे में कागज से पढ़कर 15 मिनट तक बोलने की चुनौती देता हूं.’’

राहुल ने हाल में कहा था कि यदि उन्हें भ्रष्टाचार समेत विभिन्न मुद्दों पर 15 मिनट के लिए उन्हें संसद में बोलने दिया जाता है तो प्रधानमंत्री 15 मिनट के लिए बैठ नहीं पायेगे. राहुल के इस बयान पर मोदी ने यह प्रतिक्रिया दी थी. सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री के उस दावे का भी खंडन किया कि कर्नाटक सरकार कृषि संकट के लिए "उदासीन" थी और फसल बीमा योजना को प्रभावी ढंग से लागू नहीं कर रही थी.

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘सर कर्नाटक सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लागत का 50 प्रतिशत भुगतान किया. देश में केवल हमारी ही सरकार है जिसने किसानों के खाते में बीमा राशि का सीधे भुगतान करने के लिए आईटी को तैनात किया है. फसल बीमा भी पुरानी संप्रग योजना है. ’’

भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक किसान इकाई के कार्यकर्ताओं से ‘नरेंद्र मोदी एप’ के जरिये संवाद करते हुए मोदी ने कहा,‘‘ कर्नाटक से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित शिकायतें मिल रही है. कर्नाटक सरकार उदासीन है. वह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से एक किसान को मिलने वाले फायदे के बारे में परवाह नहीं करती है.’’ 

इनपुट भाषा से भी 

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