जीवनसाथी को खोने की पीड़ा अक्सर लोगों की आंखों की नींद छीन लेती है. ऐसे लोगों को दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
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नई दिल्ली: जीवनसाथी को खोने की पीड़ा अक्सर लोगों की आंखों की नींद छीन लेती है. ऐसे लोगों को दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. यह बात हालिया एक शोध में प्रकाश में आई है. जीवनसाथी से बिछुड़े लोगों को अक्सर नींद की शिकायत रहती है और वे अनिद्रा रोग के शिकार हो जाते हैं. इससे उनकी शारीरिक पीड़ा बढ़ जाती है. शारीरिक पीड़ा व उत्तेजना अधिक होने पर उनको दिल का दौरा पड़ने का खतरा बना रहता है.
यह बात एक शोध के नतीजों से सामने आई है. यह शोध रिपोर्ट साइकोसोमेटिक मेडिसिल नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है. शोध में पाया गया कि नींद में बाधा और शारीरिक पीड़ा जीवनसाथी से वंचित लोगों में दो से तीन गुनी ज्यादा होती है.
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अमेरिका के शिकागो स्थित नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन की शोधार्थी चिरिनोस ने कहा कि जीवनसाथी की मृत्यु काफी तनावपूर्ण घटना होती है. जीवनसाथी को खोने के बाद लोगों को अकेले रहने की आदत डालनी होती है. उन्होंने कहा कि इससे वे अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं, जिससे तनाव दोगुना हो जाता है. इसके फलस्वरूप उनका प्रतिरक्षी तंत्र अत्यधिक सक्रिय हो जाता है.
(इनपुट: IANS)