1200 किलोपास्कल पर 5.9 लीटर आयतन वाले माइऑक्सी एल्युमीनियम डिस्पोजेबल कैन में इनबिल्ट मास्क लगा है और प्रत्येक कैन से 100 से 150 दफा श्वास लिया जा सकता है.
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नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता लगातार गिर रही है और दिवाली से पहले और उसके बाद इसके बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने की उम्मीद है. ऐसे मे हर किसी के लिए खुले में सांस लेना मुश्किल हो जाएगा लेकिन एफडीए से मंजूरी प्राप्त कैन्ड ऑक्सीजन-माइऑक्सी इस मुश्किल से निजात दिला सकता है. इंडस्ट्रियल, मेडिकल और रेफ्रिजरेशन गैसों के क्षेत्रों में अग्रणी-गुप्ता ऑक्सीजन प्राइवेट लिमिटेड ने खासतौर से भारतीय बाजारों के लिए पहली बार माइऑक्सी पेश किया है. माइऑक्सी पोर्टेबल कैन्स को भारतीय फार्मास्यूटिकल मानकों का अनुपालन करते हुए वैध ड्रग लाइसेंस के तहत निर्मित किया गया है.
1200 किलोपास्कल पर 5.9 लीटर आयतन वाले माइऑक्सी एल्युमीनियम डिस्पोजेबल कैन में इनबिल्ट मास्क लगा है और प्रत्येक कैन से 100 से 150 दफा श्वास लिया जा सकता है. माइऑक्सी को अपोलो फार्मेसी और दिल्ली/एनसीआर के मेडिकल स्टोर्स समेत सभी प्रमुख फार्मेसी तथा नैटमैड्स जैसी ऑनलाइन फार्मेसी पर 399 रुपये प्रति कैन की कीमत पर उपलब्ध कराया गया है.
सभी आयुवर्गों के लिए उपलब्ध माइऑक्सी बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं और बुजुर्गो के लिए भी उपयुक्त है. 99 प्रतिशत शुद्ध ऑक्सीजन वाली माइऑक्सी वायु प्रदूषण, ऊंचाई वाले स्थानों और बासी हवा, अत्यधिक शारीरिक व्यायाम, मद्यपान, जैट लैग, तनाव जैसे कारणों के चलते शरीर में ऑक्सीजन की कमी या सांस उखड़ने जैसी समस्याओं के दौरान ऑक्सीजन स्तर को सप्लीमेंट करने में कारगर है.
हवा में करीब 21 फीसदी ऑक्सीजन होती है जबकि शेष मात्रा नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों की होती है. अधिक भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन का स्तर गिरकर 14 प्रतिशत तक हो सकता है जबकि कारों से निकलने वाला धुआं हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ाता है. माइऑक्सी अधिक प्रदूषण के चलते सांस उखड़ने या सांस नहीं आने जैसी आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक उपचार की तरह काम करता है. सिर्फ 4-5 दफा श्वास लेने से ही माइऑक्सी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा देता है और मस्तिष्क तथा शरीर को सामान्य तरीके से काम करने में मदद करता है.
माइऑक्सी के सीईओ आनंद गुप्ता ने बताया,"प्रदूषण देशभर में एक भयंकर समस्या बनता जा रहा है. अध्ययनों से यह साफ हो गया है कि भारत में असमय होने वाले प्रत्येक चार मौतों में से एक का कारण प्रदूषण ही होता है. दिल्ली/एनसीआर में प्रदूषण का स्तर अभूतपूर्व रूप से बढ़ चुका है और हाल में यहां पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) संबंधी आंकड़े 2.5 लेवल पर 158 के स्तर पर दर्ज किए गए. दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडैक्स (एक्यूआई) हाल में गिरकर 'अत्यधिक खराब' की श्रेणी में पहुंच चुका था और अंतिम बार इसे 337 मापा गया."
गुप्ता ने कहा, "माइऑक्सी दिल्ली/एनसीआर जैसे प्रदूषित शहरों को ताजी ऑक्सीजन का लाभ दिलाने और दिल्लवासियों की सुरक्षा के लिए उनके दैनिक जीवन का हिस्सा बनने की दिशा में किया गया प्रयास है. इस कैन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे प्रयोग करना आसान है, साथ ही यह कॉम्पैक्ट पैकेजिंग में आता है और इसका वजन आपके मोबाइल फोन से भी कम है तथा इसे सामान्य तापमान पर रखा जा सकता है."
(इनपुटः IANS)