Personality: बड़ा बच्चा हमेशा टीम काे लीड करने के लायक हाेता है, जबकि मझला कलाकार व माजाकिया हाेता है. वहीं छाेटा बच्चा हमेशा शांत स्वाभाव का हाेता है.
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Personality Test: परिवार में जब कई बच्चे होते हैं तो आप उनकी पर्सनालिटी से यह बता सकते हैं कि यह बच्चा छोटा, बड़ा या मंझले नंबर का है, क्योंकि सभी की पर्सनलटी में कुछ न कुछ फर्क आपको जरूर दिखाई देगा. अमेरिका की मैगजीन 'द रीडर डाइजेस्ट' में छपे एक आर्टिकल में भी इस बात पर चर्चा की गई है कि बच्चे एक दूसरे से अलग-अलग कैसे हो सकते हैं. आज हम आपको पर्सनालिटी टेस्ट के बारे में बताएंगे. यदि क्रम के मुताबिक पता लगाया जाए कि कौन बच्चा बड़ा है और कौन छोटा तो आप उसे अच्छे से पहचान सकते हैं.
बड़ा बच्चा समझदार और लीडर बनने के काबिल होता है
घर में यदि कई बच्चे हैं तो माता-पिता सबसे ज्यादा इच्छा बड़े बेटे से रखते हैं. यदि वह अच्छा निकलेगा तो छोटे बच्चे भी उसी को देखकर आगे बढ़ेंगे, अगर एक्सपर्ट की मानें तो घर के बड़े बच्चों को ज्यादा फोकस मिलता है क्योंकि उस समय तक परिवार में कोई दूसरा बच्चा नहीं होता है, इसलिए माता-पिता उसकी हर चीज पर ध्यान देते हैं और फिर वह आगे चलकर आत्मविश्वासी और टीम का लीडर बनने के योग हो जाता है. बड़े बच्चे का आईक्यू लेवल भी छोटे बच्चों के मुताबिक अधिक होता है.
मध्यक्रम का बच्चा होता है मजाकिया
जब परिवार में कोई दूसरा बच्चा आता है तो माता पिता को ज्यादा ध्यान नहीं देना पड़ता है. माता-पिता बड़े बच्चे के स्कूल, कॉलेज में इतना व्यस्त होते हैं कि वही असर दूसरे बच्चे पर डालता है. जबकि सबसे छोटे बच्चे पर अधिक ध्यान दिया जाता है. इसलिए मध्यक्रम के बच्चे को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. मध्यम बच्चे में भावनात्मक विकास होना और इनका निदान होने की संभावना कम होती है. ऐसे में मध्यक्रम का बच्चा खुद की ओर आकर्षित करने के लिए दिलचस्प तरीके ढूंढता है. इस कारण मध्यक्रम का बच्चा अक्सर मजाकिया और कलाकार स्वभाव का होता है. इन बच्चों में कई छिपी हुई शक्तियां भी होती हैं. वह टीम में नेतृत्व की भूमिका अच्छे से निभा सकते है.
छोटे बच्चे होते हैं शांत स्वभाव के
घर में सबसे छोटा बच्चा बड़े शांत स्वभाव का होता है और यह माता-पिता के लिए भी बड़ा खास होता है. परिवार का छोटा होने के कारण माता-पिता, भाई, बहन भी उसका ज्यादा ध्यान रखते हैं. यह बच्चे अक्सर काफी शांत स्वभाव के होते हैं. इनका ध्यान माता पिता इसलिए भी अधिक रखते हैं क्योंकि कभी-कभी वह उपेक्षित महसूस कर सकते हैं. छोटा बच्चा हमेशा परिवार के सदस्यों के लिए छोटा ही रहता है. इसलिए वह सब का दुलारा भी होता है. घर के बड़े लोग उसे ज्यादा सीरियस नहीं लेते हैं. लेकिन वह अपनी बातों को मनवा लेता है.
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