सामान्य तौर पर जीभ का रंग हल्का गुलाबी होता है. इस पर हल्की सफेद कोटिंग है तो भी चिंता की बात नहीं है. लेकिन अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें ताकि आप स्वस्थ रह सकें.
जीभ का रंग अगर नीला पड़ जाए तो तो आपको हार्ट से जुड़ी समस्याएं (Heart problems) हो सकती हैं. जीभ का रंग नीला तब पड़ता है जब हार्ट ब्लड को सही तरीके से पंप नहीं कर पाता या ब्लड में ऑक्सीजन कम होने लगता है. ये स्थिति भी खतरे की घंटी है.
यह भी पढ़ें: Vastu Tips: स्वाद ही नहीं जिंदगी भी बदल देगा एक चुटकी Salt, ग्रह दोष भी हो जाएंगे शांत
जीभ का रंग अगर काला हो जाए तो तुरंत सावधान होने की जरूरत है, ऐसी स्थिति में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अक्सर चेन स्मोकर्स की जीभ का रंग काला होने लगता है. ऐसी स्थिति कैंसर (Cancer) जैसी जानलेवा बीमारी का भी संकेत है. अल्सर (Ulcer) या फंगल इन्फेक्शन (Fungal Infection) होने पर भी जीभ का रंग काला होने लगता है.
जब जीभ का रंग पीला हो जाए तो भी ये स्थिति सामान्य नहीं है. अक्सर ऐसा तब होता है जब शरीर में पौष्टिक तत्वों (Nutritious Elements) की कमी हो. इसके अलावा डाइजेस्टिव सिस्टम (Digestive System) में गड़बड़ी होने पर जीभ का रंग पीला हो जाता है. ऐसी स्थिति में लिवर या पेट से संबंधित बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है.
अगर जीभ का रंग एकदम सफेद हो गया है तो इसे नजरअंदाज न करें. इसका मतलब है कि शरीर में डिहाइड्रेशन (Dehydration) की समस्या है. अक्सर ये समस्या स्मोकिंग की वजह से भी होती है. इस तरह का जीभ का रंग है तो ल्यूकोप्लाकिया (Leukoplakia) भी हो सकता है. हालांकि कई बार बुखार में भी जब जीभ सूखने लगती है तो रंग ऐसा हो जाता है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़