रिश्ते में मनमुटाव? ये 5 साइन बताते हैं आप खुद ही रिलेशनशिप को कर रहे हैं बर्बाद! एक्सपर्ट से जाने कैसे बचें
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रिश्ते में मनमुटाव? ये 5 साइन बताते हैं आप खुद ही रिलेशनशिप को कर रहे हैं बर्बाद! एक्सपर्ट से जाने कैसे बचें

अक्सर हमारे व्यवहार और आदतें, जानें अनजाने में ही क्यों न हों, मगर रिश्तों में दरार डाल सकती हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसी आदतों के बारे में, जो जाने-अनजाने में ही रिश्तों में दूरियां ला देती हैं.

रिश्ते में मनमुटाव? ये 5 साइन बताते हैं आप खुद ही रिलेशनशिप को कर रहे हैं बर्बाद! एक्सपर्ट से जाने कैसे बचें

हमारे व्यवहार और आदतें, जानें अनजाने में ही क्यों न हों, मगर रिश्तों में दरार डाल सकती हैं. रिलेशनशिप कोच मार्लेना टिलहॉन (Marlena Tillhon) कहती हैं, "रिश्ते में हम कैसे सोचते हैं?, कैसा व्यवहार करते हैं?, एक-दूसरे को कैसे समझते हैं? और अपने इमोशंस को कैसे व्यक्त करते हैं?, यह सब एक हेल्दी रिलेशनशिप को प्रभावित कर सकती है. जब मन मोटव आने लगता है तो कई लोग इस असमंजस में रहते हैं कि उन्हें रिश्ता खत्म करना चाहिए या चलाना चाहिए. ऐसे में वो अपने पार्टनर को बदलने की कोशिश करते हैं, खुद को बदलने की कोशिश करते हैं, या फिर समझौता कर लेते हैं.

यह उलझन भरा समय होता है, जो अक्सर बेचैनी, चिंता और रातों की नींद उड़ा देता है." ऐसे में तुरंत कोई निर्णय लेना जल्दबाजी हो सकता है. इसलिए ऐसे सिचुएशन में जब भी फंसे खुद को पार्टनर से थोड़ा समय के दूर करके फिर ठंडे दिमाग से इसका निर्णय लें. खैर, फिलहाल आइए जानते हैं कुछ ऐसी आदतों के बारे में, जो जाने-अनजाने में ही रिश्तों में दूरियां ला देती हैं-

 

1. अलग-अलग सोच: कभी-कभी हम ऐसे व्यक्ति के साथ रिश्ते में आ जाते हैं, जिसकी रिश्तों के बारे में सोच हमसे बिल्कुल अलग होती है. शुरुआत में चीजें ठीक चलती हैं, लेकिन अंततः यह टकराव और अलगाव का कारण बन सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि रिश्ते के शुरुआती दौर में ही गंभीर बातचीत की जाए, ताकि यह पता चल सके कि आप दोनों एक-दूसरे के लिए कितने अनुकूल हैं.

2. बाउंड्रिज क्लियर नहीं होना: कई बार नए रिश्ते में आने के बाद भी हम अपने पूर्व साथी के संपर्क में रहते हैं. ये धुंधली सीमाएं नए रिश्ते को प्रभावित कर सकती हैं और हमें परेशानी में डाल सकती हैं. नए रिश्ते को चुनते समय यह जरूरी है कि हम अपने पिछले साथी के साथ की गई सीमाओं को सख्ती से लागू करें.

3. रिश्ते को बिल्कुल गोपनीय रखना: रिश्ते को गुप्त जरूर रखा जाना चाहिए, पर उसे पूरी तरह से छिपाना भी ठीक नहीं है. जब हम अपने पार्टनर को छिपाना शुरू कर देते हैं, तो उन्हें ऐसा लगने लगता है कि हम उन्हें कोई खास अहमियत नहीं देते. यह उन्हें भावनात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. हमें अपने पार्टनर और रिश्ते को प्राथमिकता देना सीखना चाहिए.

4. इनसिक्योरिटी की भावना: अपनी असुरक्षा की भावना को दूर करने के लिए पार्टनर से हर वक्त सावधानी से पेश आने की उम्मीद रखना गलत है. इससे रिश्ते में तनाव पैदा होता है.  हमें भावनात्मक रूप से अधिक जागरूक बनना चाहिए और अपनी इनसिक्योरिटी को दूर करने का प्रयास करना चाहिए.

5. छोटी-छोटी बातों पर झमेला: हर छोटी-मोटी बात को मुद्दा बनाकर शिकायत करना सही नहीं है. हमें यह समझना चाहिए कि कौन सी बातों को नजरअंदाज करना है और किन पर ध्यान देना है. कुछ चीजों को खुद के लेवल पर सॉल्व करना चाहिए. अगर फिर भी मन में मलाल रहे तो माहौल शांत होने पर पार्टनर से खुलकर बातें करनी चाहिए.

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