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वाशिंगटन: भारत में घोटालों और भ्रष्टाचार की वजह से आर्थिक सुधारों की रफ्तार धीमी पड़ गई है और अगले दो वर्षों तक बड़े आर्थिक सुधार मुमकिन नहीं है। यह बात भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कही।
बसु ने कहा भारत में बड़े आर्थिक सुधार 2014 के आम चुनाव से पहले संभव नहीं हैं। बसु के मुताबिक 2014 के बाद आर्थिक सुधारों में गति आएगी और 2015 के बाद भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी। अगर नई सरकार बहुमत में होगी तो वह आर्थिक सुधार बड़े पैमाने पर शुरू करेगी क्योंकि यह महसूस किया जा रहा है कि इसमें तेजी आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ रहे घोटालों और गठबंधन की वजह से देश की तरक्की को धक्का पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि निर्णय लेने में देरी हो रही है। एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों और भ्रष्टाचार से नौकरशाही के मनोबल पर बुरा असर पड़ा है। नौकरशाही जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।
बसु ने कहा गठबंधन सरकार के कारण भी आर्थिक सुधारों की गति धीमी पड़ गई है। इसके अलावा महंगाई और कृषि उत्पादन में गिरावट के कारण भी आर्थिक सुधारों पर असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे सुधार हैं जिन्हें तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है। रीटेल ऐसा क्षेत्र है, जो विदेशी निवेश की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में सब्सिडी के दुरुपयोग और कमजोर बुनियादी ढांचे के मामले पर ध्यान देने की जरूरत है।