इस्तीफे पर अड़ी ममता, बगावती मूड में त्रिवेदी
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इस्तीफे पर अड़ी ममता, बगावती मूड में त्रिवेदी

ममता बनर्जी रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे पर अड़ गई हैं तो दिनेश त्रिवेदी ने भी अपनी सुविधा से इस्तीफा देने का मन बना लिया है। त्रिवेदी ने कहा कि ममता लिखित आदेश दें तभी वह इस्तीफा देंगे।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

 

कोलकाता/नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे पर अड़ गई हैं तो त्रिवेदी ने भी मनमाफिक समय और सुविधा से अपना इस्तीफा देने का मन बना लिया है। त्रिवेदी ने कहा है कि ममता लिखित आदेश दें तभी वह इस्तीफा देंगे। बहरहाल, त्रिवेदी का जाना तय है और ममता ने यह कहते हुए गेंद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पाले में डाल दी है कि उन्हें जो कहना था वह कह चुकी हैं और अब फैसला प्रधानमंत्री को करना है। देखना दिलचस्प होगा कि वह रेल बजट पर होने वाली चर्चा का जवाब दे पाते हैं या इससे पहले ही उन्हें जाना पड़ता है।

 

तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को त्रिवेदी से साफ शब्दों में कहा कि उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए लेकिन त्रिवेदी ने भी सख्त रुख अपनाते हुए पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के लिखित निर्देश की मांग की। इस बीच ममता बनर्जी ने त्रिवेदी के बारे में पूछे जाने पर कोलकाता में सिर्फ इतना कहा, 'त्रिवेदी हमारे रेल मंत्री नहीं हैं। उनके स्थान पर मैंने मुकुल रॉय को रेल मंत्री बनाए जाने की प्रधानमंत्री से सिफारिश की है और अब फैसला प्रधानमंत्री को लेना है।'

 

त्रिवेदी के रुख से ममता कितनी नाराज हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब पत्रकारों ने उनसे त्रिवेदी के बारे में पूछा तो ममता ने कहा, 'मुझसे कुछ मत पूछिए। कल्याण बनर्जी से बात कीजिए। वह संसदीय दल के मुख्य सचेतक हैं।' कल्याण बनर्जी ने त्रिवेदी को फोन किया और कहा कि उन्हें बर्खास्त किया जाए, इसके पहले वह सम्मानजनक तरीके से इस्तीफा दे दें। इसकी पुष्टि खुद त्रिवेदी ने की।

 

त्रिवेदी ने पत्रकारों से कहा, 'कल्याण बनर्जी ने मुझे सुबह फोन किया था। लेकिन इससे पहले सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में कहा था कि मुझे इस्तीफा देने को नहीं कहा गया है और प्रधानमंत्री ने भी मुझे इस्तीफा देने को नहीं कहा है।' उन्होंने कहा, 'संसद के पटल पर यह कहा जाता है कि कोई इस्तीफा नहीं मांगा गया है और अब मुझे फोन पर ऐसा करने को कहा गया है। इसलिए सच जानने का मेरा हक है कि आखिर किस वजह से मुझसे इस्तीफा मांगा गया है।'

 

इससे पहले त्रिवेदी ने एक न्यूज चैनल से कहा, 'मैं पार्टी के निर्णय से बाध्य हूं। यदि मैं पद पर बने रहना चाहूं, तो बना रह सकता हूं। मैं इस तरह अपमानित नहीं होना चाहता। मैंने अपना काम किया है। वे मुझे उचित तरीके से कहें। मैं एक-दो दिन में इस्तीफा दे दूंगा।' कल्याण बनर्जी के अनुसार, जब त्रिवेदी ने पार्टी प्रमुख के लिखित निर्देश पर जोर दिया, तो उन्होंने कहा कि बैरकपुर के सांसद त्रिवेदी ने मंत्री पद की शपथ लेने से पहले ममता बनर्जी से लिखित निर्देश नहीं मांगा था। कल्याण बनर्जी ने कहा कि त्रिवेदी ने उनसे कहा कि वह चाहते हैं कि उन्हें पार्टी के निर्णय के बारे में ममता द्वारा लिखित रूप में अवगत कराया जाए।

 

तृणमूल सूत्रों ने कहा है कि बनर्जी ने त्रिवेदी से कहा कि चूंकि पार्टी उन्हें मंत्री के रूप में नहीं देखना चाहती, लिहाजा उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। बनर्जी ने त्रिवेदी से कहा, 'चूंकि पार्टी चाहती थी कि आप मंत्री पद की शपथ लें, इसलिए आपने ऐसा किया। आज पार्टी नहीं चाहती कि आप मंत्री पद पर बने रहें। लिहाजा आपको इस्तीफा दे देना चाहिए।'


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