नई दिल्ली : अर्थव्यवस्था का बुरा दौर समाप्त होने का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि मुद्रास्फीति काबू में आने के साथ आर्थिक स्थिति सुधर रही है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6 प्रतिशत को पार कर सकती है। संप्रग-दो सरकार के कार्यकाल का चार साल पूरा होने के मौके पर आयोजित समारोह में सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस नीत गठबंधन सरकार अगले साल फिर सत्ता में आती है तो 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर संभव है।
उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक स्थिति सुधर रही है। मुद्रास्फीति काबू में आ गयी है। राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में लाया जा रहा है। चालू खाते का घाटा उंचा है लेकिन हम इसमें धीरे-धीरे कमी लाएंगे।’’ सिंह ने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि 2012-14 में आर्थिक वृद्धि दर 2012-13 के मुकाबले बेहतर रहेगी और यह 6 प्रतिशत से अधिक रह सकती है।’’ उन्होंने वित्त वर्ष 2012-13 में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत पर आने के लिये वैश्विक कारकों को जिम्मेदार ठहराया और कहा, ‘‘नरमी अस्थायी है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि चालू वर्ष में 6 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि मार्च 2017 को समाप्त होने वाली मौजूदा पंचवर्षीय योजना में 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि पर लौटने का रास्ता साफ करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कठिन होगा लेकिन यह असंभव नहीं है। हमने पहले ऐसा किया है और अगर हमें अगले वर्ष जनादेश मिलता है तो हम इसे दोबारा हासिल करेंगे।’’ गांवों की समृद्धि के लिये कृषि वृद्धि दर को महत्वपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में 4 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य तय की है और खाद्यान उत्पादन बढ़ाने के साथ कृषि के विविधीकरण के लिये कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसी बुनियाद है जिसने हमें संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक पेश करने की अनुमति दी।’’ उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने जमीन अधिग्रहण तथा पुनर्वास कानून पेश किया है जो पुराने तथा अंग्रेजों के समय के कानून का स्थान लेगा। नया कानून उन लोगों के लिये बेहतर है जिनका अधिग्रहण किया जाएगा।
सिंह ने कहा कि आर्थिक वृद्धि के मामले में संप्रग का ट्रैक रिकार्ड, राजग के कार्यकाल से बेहतर है। पिछले नौ साल में देश की औसत आर्थिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत रही पहीं राजग के छह साल के कार्यकाल में यह औसतन केवल 5.7 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि वृद्धि में नरमी बाह्य कारकों की वजह से है लेकिन घरेलू समस्याओं के कारण जीडीपी वृद्धि दर नीचे आयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह भी सच है कि घरेलू समस्याएं बढ़ी हैं। इनका समाधान किया जा रहा है। विभिन्न नियामकीय मंजूरी के कारण कई बड़ी निवेश परियोजनाएं अटकी पड़ी हैं। इस समस्या से निपटने के लिये निवेश पर मंत्रिमंडल की समिति गठित की गयी है और इसका नतीजा दिखने लगा है।’’ स्पेक्ट्रम तथा कोयला खदानों के आवंटन में अनियमितता के आरापों का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार ने दुलर्भ संसाधनों के आवंटन के लिये ज्यादा पारदर्शी प्रणाली पेश की है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने भविष्य के लिये नीलामी जैसी चीजों के लिये प्रशासनिक आवंटन की जगह ज्यादा पारदर्शी प्रणाली पेश की है।’’ सिंह ने आगे कहा, ‘‘अनुचित कार्य करने के जो आरोप लगाये गये हैं, उसकी जांच की जा रही हैं और जिन्होंने गलत किया है, उसके लिये उन्हें सजा दी जाएगी। लेकिन हम दावा कर सकते हैं..कि समस्या के मूल कारणों का समाधान किया गया है और ये समस्याएं भविष्य में नहीं होंगी।’’ (एजेंसी)
आर्थिक स्थिति
आर्थिक स्थिति सुधर रही है, वृद्धि दर 6% से अधिक रहेगी: PM
अर्थव्यवस्था का बुरा दौर समाप्त होने का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि मुद्रास्फीति काबू में आने के साथ आर्थिक स्थिति सुधर रही है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6 प्रतिशत को पार कर सकती है।
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