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नई दिल्ली : केंद्र सरकार का दावा है कि पहली जून से देश के 18 जिलों में शुरू हुई एलपीजी सीधा लाभ अंतरण योजना काफी सफल रही है। इस योजना से अब तक 10 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाया जा चुका है। लाभ की राशि उपभोक्ताओं के बैंक खातों में सीधे पहुंच जाती है। इन जिलों में एलपीजी उपभोक्ताओं को 41 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
केंद्र सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार, 18 जिलों में, जहां काफी बड़ी संख्या में आधार कार्ड बनाए जा चुके थे, इस योजना को शुरू किया गया, जिससे 67 लाख उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा है। इस योजना का उद्देश्य कालाबाजारी को रोकना और सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में पहुंचाना है, जो आधार संख्या से जुड़े हैं।
इस योजना के अनुसार, आधार संख्या वाले एलपीजी उपभोक्ताओं के खातों में पहला सब्सिडी वाला सिलेंडर बुक कराते ही सब्सिडी की राशि उनके खातों में पहुंच जाती है (ऐसे छह लाख सिलेंडरों के लिए सब्सिडी राशि दी गई)। सब्सिडी वाला पहला सिलेंडर मिलने के बाद अगली सब्सिडी की राशि बैंक खातों में पहुंच जाती है, जो अगले सिलेंडर के लिए होती है, ऐसे चार लाख सिलेंडरों के लिए सब्सिडी राशि दी गई।
उपभोक्ताओं को इस बारे में जानकारी देने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन दिए जा रहे हैं। 13 और 14 जून को बड़े समाचार पत्रों में विज्ञापन दिए गए। जिन उपभोक्ताओं ने अपनी आधार संख्या को अभी तक अपने बैंक खातों के साथ नहीं जोड़ा है, उन्हें बैंक खातों को आधार से जोड़ने वाले फार्म दिए जा रहे हैं।
बताया गया है कि एक सितंबर के बाद एलपीजी सिलेंडर उपभोक्ताओं को बाजार दाम पर बेचे जाएंगे। जिनके आधार संख्या वाले बैंक खाते दर्ज हो गए हैं, उन्हें सीधे लाभ अंतरण के जरिए सब्सिडी की राशि मिलती रहेगी। अन्य उपभोक्ताओं को यह राशि नहीं मिलेगी।
एलपीजी उपभोक्ताओं की सहायता के लिए तेल विपणन कंपनियों ने अपनी वेबसाइट पर इस तरह की सूचना दी है, जिससे यह जांच की जा सकती है कि उपभोक्ताओं के आधार नंबर उनके बैंक खातों से जुड़ गए हैं, या नहीं। उपभोक्ता जानकारी प्राप्त करने के लिए या अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए टॉल फ्री नंबर : 18002333555 का इस्तेमाल कर सकते हैं। (एजेंसी)