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नई दिल्ली : सीमा को लेकर तनातनी के कुछ सप्ताह बाद भारत और चीन ने अपने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर जोर देते हुए सोमवार को व्यापार, संस्कृति तथा जल संसाधन समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आठ समझौते किये।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा उनके चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद समझौते पर दस्तखत किये गये।
व्यापार बढ़ाने के इरादे से दोनों पक्षों ने संयुक्त आर्थिक समूह के तहत तीन कार्य समूह गठित करने का निर्णय किया है। ये तीन समूह सेवा व्यापार संवर्धन कार्य समूह, आर्थिक तथा व्यापार योजना सहयोग समूह तथा व्यापार सांख्यिकी विश्लेषण समूह हैं।
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा तथा उनके चीनी समकक्ष गाओ हुचेंग ने कार्य समूह गठित करने से जुड़े समझौते किये।
वर्ष 2012 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय 66 अरब डालर का व्यापार हुआ जो 2011 के 74 अरब डालर से कम है। दोनों देशों ने 2015 तक द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डालर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद तथा चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने एक समझौते पर दस्तखत किये। इसके तहत चीन कैलाश मानसरोवर में श्रद्धालुओं के लिये मौजूदा सुविधाओं में सुधार करेगा। इसमें वायरलेस सेट तथा स्थानीय सिम उपलब्ध कराना शामिल हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल मई से सितंबर के बीच होती है।
दोनों पक्षों ने एक अन्य समझौते पर दस्तखत किये। इसके तहत चीन ब्रह्मपुत्र नदी में तीन हाइड्रोलाजिकल स्टेशनों के संदर्भ में हर साल एक जून से 15 अक्तूबर तक जल स्तर, पानी छोड़े जाने तथा बारिश के बारे में दिन में दो बार सूचना देगा।
सिंचाई में पानी के कुशल उपयोग के क्षेत्र में सहयोग के लिये जल संसाधन मंत्रालय तथा चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग ने सहमति पत्र :एमओयू: पर हस्ताक्षर किये।
एमओयू का मकसद कृषि क्षेत्र में जल के कुशल उपयोग से जुड़ी प्रौद्योगिकी में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाना है। इसके अलावा दोनों पक्षों ने भैंस के मांस तथा मछली उत्पादों के व्यापार तथा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिये भी समझौते पर हस्ताक्षर किये। समझौता स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा, स्वच्छता तथा इससे जुड़े अन्य मामलों में नियामकीय जरुरतों को भी उपलब्ध करायेगा।
साथ ही शहरी विकास तथा चीन के राष्ट्रीय विकास तथा सुधार आयोग ने गंदे जल के शोधन के क्षेत्र में सहयोग के लिये भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये। भारत और चीन ने एक दूसरे के उत्कृष्ट तथा समकालीन कार्यों पर 25 पुस्तकों का पांच साल में चीनी और हिन्दी भाषा में अनुवाद तथा प्रकाशन के क्षेत्र में सहयोग का भी निर्णय किया है।
दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच उनके कुछ शहरों तथा राज्यों के बीच सहयोग और संपर्क के लिये भी एक समझौता किया गया। दोनों पक्ष भारत और चीन में सहयोग के शहरों और राज्यों अथवा प्रांतों की पहचान करने पर सहमत हुये हैं।
दोनों पक्ष शहरों तथा प्रांतों के बीच सहयोग और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने की दिशा में भी काम करने पर सहमत हुए हैं। (एजेंसी)