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पुणे : सुब्रत राय सहारा स्टेडियम में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में आज पुणे वॉरियर्स और दिल्ली डेयरडेविल्स के बीच होने वाले 71वें मुकाबले से वर्तमान आईपीएल की सबसे फिसड्डी टीम का निर्धारण होगा। इस मैच की सबसे मजेदार बात यह होगी की दोनों टीमें टूर्नामेंट में आगे के सफर के लिए नहीं बल्कि एकदूसरे को टूर्नामेंट में सबसे निचले पायदान पर धकेलने के लिए मुकाबला करेंगी।
पिछले वर्ष आईपीएल में अंकतालिका में सबसे नीचे रहने वाली पुणे वॉरियर्स का इस बार भी फिसड्डी रहना तो उतना आश्चर्यजनक नहीं लगता, लेकिन पिछले वर्ष आईपीएल के ग्रुप चरण में शीर्ष पर रहने वाली डेयरडेविल्स का प्रदर्शन आईपीएल के ताजा संस्करण में सबसे ज्यादा निराश करने वाला रहा है। दोनों ही टीमों के अब तक 15 मैचों में समान रूप से छह अंक हैं। सिर्फ नेट रन रेट बेहतर होने की वजह से डेयरडेविल्स नौ टीमों की अंकतालिका में आठवें क्रम पर है तथा वॉरियर्स उनसे एक पायदान नीचे सबसे आखिर में हैं।
लगातार नौ हार से उबरते हुए अपने पिछले मैच में वॉरियर्स ने मौजूदा चैम्पियन कोलकाता नाइट राइडर्स को मात दे दी। इससे निश्चय ही उनका हौसला बढ़ा होगा। पिछले मैच में कप्तान एरोन फिंच सहित मनीष पांडेय और युवराज सिंह ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए वॉरियर्स को 170 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया था, जिसके जवाब में नाइट राइडर्स 163 रन ही बना सके थे। वरियर्स के लिए उसके बल्लेबाजों का न चलना तो खला ही, साथ ही उसके गेंदबाज अंतिम ओवरों में रनों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं। वारयिर्स के लिए इस आईपीएल में सबसे अधिक 14 विकेट लेने वाले अशोक डिंडा ने 12 मैचों में 444 रन लुटाए हैं।
दूसरी तरफ पिछले आईपीएल में शीर्ष पर रहने वाले डेयरडेविल्स ने आईपीएल-6 में सबसे ज्यादा निराश किया है, क्योंकि डेयरडेविल्स के पास विश्व स्तर के प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे। कप्तान माहेला जयवर्धने सहित विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अपनी टीम के लिए कुछ खास नहीं कर सके। सहवाग ने मुम्बई इंडियंस के खिलाफ एकमात्र मैच में 95 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई लेकिन इसके बाद वह फिर से फ्लॉप हो गए। बल्लेबाजी में डेयरडेविल्स की तरफ से सिर्फ डेविड वार्नर ने आकर्षित किया है। वार्नर ने 15 मैचों में 408 रन बनाए हैं।
गेंदबाजी में भी डेयरडेविल्स के पास पिछले आईपीएल के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज मोर्ने मोर्कल थे, लेकिन वह नौ मैचों में सिर्फ सात विकेट लेने में कामयाब रहे। इरफान पठान और आशीष नेहरा भी प्रभावहीन ही नजर आए। कुल मिलाकर दोनों टीमों में खिलाड़ियों के स्तर में भले काफी अंतर हो लेकिन इस आईपीएल में दोनों टीमों ने प्रदर्शन एक सा ही किया है और अब वे अपना आखिरी मैच जीतकर न सिर्फ रसातल में जाने से बचना चाहेंगी बल्कि जीत से खुद को सांत्वना भी देना चाहेंगी।