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लाहौर : नवाज शरीफ की पीएमएल-एन ने पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में 18 निर्दलीय सांसदों के बदौलत बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। इस तरह से यहां शरीफ के नेतृत्व में अगली सरकार के गठन का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है।
पंजाब और सिंध प्रांतों के रसूखदार परिवारों से ताल्लुक रखने वाले कई सांसद पीएमएल-एन में शामिल हुए। बीते 11 मई को हुए चुनाव में शरीफ की पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आई है। उसे नेशनल एसेंबली में 124 सीटें हासिल हुई हैं। पीमएल-एन का दामन थामने वाले सांसदों में पूर्व राष्ट्रपति फारूक लगारी के परिवार से ताल्लुक रखने वाले और सिंध के थाथा जिले के शेराजी बंधु भी शामिल हैं।
इससे पहले लगारी परिवार के लोग पीएमएल-क्यू और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के थे तथा शीराजी बंधु पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के साथ जुड़े हुए थे। पंजाब के खानेवाल जिले का हिराज परिवार भी पीएमएल-क्यू से नाता तोड़कर शरीफ की पार्टी के साथ जुड़ गया है।
मुजफ्फरगढ़ जिले की एक संसदीय सीट से जीत दर्ज करने वाले जमशेद दस्ती ने भी पीपीपी से रिश्ता खत्म करके पीएमएल-एन के पाले में आ गए हैं। दस्ती ने पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के पिता को एक दूसरी सीट पर मात दी है। पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में प्रत्यक्ष रूप से चुनी जाने वाली 272 सीटों में से बहुमत के लिए 137 सीटें होनी चाहिए। निर्दलियों के समर्थन से पीएमएलए-एन के पास 142 का आंकड़ा हो गया है।
नेशनल एसेंबली की 70 सीटें महिलाओं और गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित होती हैं, जो प्रत्यक्ष चुनाव में मिली सीटों के अनुपात में विभन्न दलों को आवंटित कर दी जाती है। इस लिहाज से 342 सदस्यीय सदन में बहुमत के लिए आंकड़ा 172 का होना चाहिए। पाकिस्तानी संसद के उपरी सदन सीनेट में फिलहाल पीपीपी का बहुमत है। आगामी दो जून को पीएमएल-एन की सरकार कार्यभार संभालेगी। (एजेंसी)