मिस्र हिंसा : पुलिस ने घेरा काहिरा मस्जिद को
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मिस्र हिंसा : पुलिस ने घेरा काहिरा मस्जिद को

मिस्र में कल हुई झड़पों में करीब 100 लोगों के मारे जाने के बाद मुस्लिम ब्रदरहुड की नई रैलियां आयोजित करने की योजना को देखते हुए सुरक्षा बलों ने आज काहिरा की उस मस्जिद को घेर लिया जिसमें अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थक एकत्र हैं।

काहिरा : मिस्र में सुरक्षा बलों ने आज उस मस्जिद को घेर लिया जिसमें सत्ता से हटाये गए राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के एक हजार से अधिक समर्थक मौजूद हैं। इस बीच मुस्लिम ब्रदरहुड ने सड़क पर हुए भीषण संघर्ष में करीब 100 लोगों की मौत के बाद ताजा विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। दंगा नियंत्रण शैली में काम करते हुए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों ने अल फतह मस्जिद को घेर लिया। प्रदर्शनकारी कल की झड़पों में घायल हुए लोगों को लेकर गए हैं।
मुस्लिम ब्रदरहुड ने देश में संघर्ष के नवीनतम स्थल मध्य काहिरा में रामसेस चौक के पास स्थित मस्जिद में एक अस्थायी अस्पताल स्थापित किया है। कुछ सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए मस्जिद में प्रवेश कर गए और कथित रूप से महिलाओं को जाने की इजाजत देने की पेशकश की। सुरक्षाबलों ने हालांकि कहा कि पुरूषों को पूछताछ के लिए रोका जाएगा लेकिन ब्रदरहुड ने प्रस्ताव खारिज कर दिया।
गतिरोध के जारी रहने के बीच टेलीविजन चैनलों ने दिखाया कि महिलाओं के एक छोटे समूह को मस्जिद से बाहर लाया जा रहा है। बीबीसी ने मस्जिद के भीतर मौजूद प्रदर्शनकारियों के हवाले से कहा कि उन्हें अधिकारियों के बाहर निकलने का सुरक्षित रास्ता देने के वादे पर भरोसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि भीतर दो शव हैं जिसमें से एक महिला का है जिसकी मौत मस्जिद में कल रात को आंसू गैस का गोला दागने के बाद हुई। दूसरा शव उस व्यक्ति का है जिसे गोली लगने के बाद घायल अवस्था में मस्जिद में लाया गया था।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनके पास पीने का पानी तो हैं लेकिन शौचालय एक ही है। संवाद समिति मीना ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से दावा किया ‘सशस्त्र तत्वों’ ने मस्जिद के भीतर से गोलीबारी की थी। प्रदर्शनकारी लोगों को मस्जिद छोड़कर नहीं जाने दे रहे हैं। यद्यपि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि मस्जिद में फंसे लोगों को वहां से निकलने में डर लग रहा है क्योंकि उनका मानना है कि उन पर सादे कपड़े पहने वे लोग हमला करेंगे जो सेना के साथ हैं।
काहिरा और अन्य शहरों में कम कम से कम 95 लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हो गए क्योंकि सुरक्षा बलों की मुर्सी के समर्थकों के साथ झड़प हुई। गत बुधवार को सेना समर्थक सरकार की दमनकारी कार्रवाई में 600 से अधिक लोगों की मौत के विरोध में मुर्सी के समर्थक शुक्रवार की नमाज के बाद सड़कों पर उतर आये।
इस बीच मुस्लिम ब्रदरहुड ने आज से पूरे मिस्र में एक सप्ताह के प्रदर्शन का आह्वान किया। ब्रदरहुड ने कहा, तख्तापलट शासन की हमारी नामंजूरी इस्लामी, राष्ट्रवादी और नैतिक दायित्व हो गया है जिसे हम कभी भी छोड़ नहीं सकते। मिस्र के अंतरिम अधिकारियों ने कहा कि कल के विरोध प्रदर्शन के बाद 1000 से अधिक इस्लामियों को गिरफ्तार किया गया है। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, गिरफ्तार मुस्लिम ब्रदरहुड तत्वों की संख्या बढ़कर 1004 हो गई है।
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दमनकारी कार्रवाई से मिस्रवासी जितने बंटे हुए हैं वैसे हाल के इतिहास में कभी भी नहीं बंटे। इससे अंतरराष्ट्रीय निंदा का भी सामना करना पड़ा है। सेना द्वारा गठित अंतरिम कैबिनेट ने सत्ता के खिलाफ प्रदर्शनों के मद्देनजर हटने से इनकार कर दिया है। कैबिनेट ने पुलिस को इस बात के लिए अधिकृत किया है कि वह अपने और सरकारी प्रतिष्ठानों के बचाव के लिए गोलियों का इस्तेमाल कर सकती है।
मिस्र के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बदर अब्दुल अट्टी ने समाचार चैनल अलजजीरा के साथ साक्षात्कार में यह कहते हुए सुरक्षा बलों की कार्रवाई का बचाव किया कि प्रदर्शनकारी मशीन गनों से लैस हैं। प्रवक्ता ने हिंसा की अंतरराष्ट्रीय निंदा को खारिज किया और कहा कि मिस्र कोई भी बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा। मिस्र के अंतरिम नेताओं ने आपातकाल लगा दिया है जिसके तहत सुबह से शाम तक राजधानी और अन्य क्षेत्रों में कफ्र्यू लगा रहता है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि पुलिस को ‘एक कानूनी ढांचे के भीतर’ गोलियों के इस्तेमाल के लिए अधिकृत किया गया है। (एजेंसी)

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