'आधार' को मिला आधार, कैबिनेट ने कराई सुलह

अब 40 करोड़ और लोगों के लिए आधार कार्ड (यूआईडीएआई) दिया जाएगा। इस आशय का फैसला केंद्रीय कैबिनेट की शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी

नई दिल्‍ली : भारत में रहने वाले सभी लोगों को चिप आधारित स्मार्ट कार्ड जारी करने को लेकर योजना आयोग और गृह मंत्रालय के बीच चल रहे द्वंद्व को समाप्त करते हुए सरकार ने 16 राज्यों में 40 करोड़ लोगों के अतिरिक्त ‘आधार’ नंबर जारी किए जाने के यूआईडीएआई के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। इसके साथ ही फैसला किया गया कि अन्य राज्यों में उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों की पहचान लेने का यह काम राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत होगा। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को वैधानिक दर्जा देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। यूआईडीएआई ‘आधार ’ संख्या जारी कर रहा है जबकि एनपीआर चिप आधारित बहु उद्देशीय राष्ट्रीय पहचान कार्ड जारी करेगा।

 

यूआईडीएआई संबंधी कैबिनेट की समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता वाले भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को 40 करोड़ अतिरिक्त लोगों को आधार नंबर जारी करने के लिए 5791 करोड़ अतिरिक्त रूपए की मंजूरी दी गई और गृह मंत्रालय को आश्वासन दिया गया कि सुरक्षा संबंधी उसकी चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा। यूआईडीएआई और एनपीआर दोनों ही अपने इन कार्यो को अगले साल जून तक पूरा कर लेंगे। बैठक के बाद नीलेकणि ने संवाददताओं से कहा, ‘हम अगले छह से आठ महीनों में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखेंगे और उसके बाद अप्रैल से पहचान सामग्री लेने का काम शुरू कर देंगे।’ गृह मंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया कि कार्ड जारी करने को लेकर योजना आयोग से कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि नयी व्यवस्था उस हद तक सुरक्षित रहेगी जितना इंसान के हाथ में है।

 

उन्होंने हालांकि कहा, ‘यूआईडीएआई आंकड़े और एनपीआर आंकड़ों में अंतर पाए जाने पर एनपीआर के आंकड़ों को ही माना जाएगा।’ चिदंबरम ने कहा कि यूआईडीएआई की ओर से जारी ‘आधार’ कार्ड स्वेच्छिक होगा जबकि एनपीआर कार्ड बनवाना नागरिकों के लिए अनिवार्य होगा। यह सरकारी कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के बाद ‘ऐसे दोहराव और ऐसी लागत से बचा जा सकेगा’ जिसकी जरूरत नहीं है।

 

साथ ही गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों को यूआईडीएआई की ओर से ‘आधार’ नंबर जारी हो चुके हैं उन्हें एनपीआर को फिर से उंगलियों के निशान और पुतलियों की फोटो नहीं देनी होगी। यूआईडीएआई के आधार कार्ड के लिए हर व्यक्ति की पांच जानकारियां हासिल की जा रही हैं जबकि चिप आधारित बहु उद्देशीय राष्ट्रीय पहचान कार्ड के लिए एनपीआर 15 जानकारियां दर्ज करेगा। चिदंबरम ने कहा कि इन आंकड़ों को एकत्र करने में दोहरापन नही होने पाए, इसका पूर ध्यान रखा जा रहा है लेकिन एक अरब 20 करोड़ की आबादी वाले देश में छोटी-मोटी गलतियां असंभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एनपीआर को वैधानिक दर्जा देने के लिए सरकार शीघ्र ही संसद में विधेयक लाएगी।

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