केंद्र का आंध्रप्रदेश में राष्ट्रपति शासन से इंकार
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केंद्र का आंध्रप्रदेश में राष्ट्रपति शासन से इंकार

अलग तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार ने आंध्रप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने से साफ इनकार कर दिया.

नई दिल्ली : केंद्र ने आंध्रप्रदेश के राज्यपाल ई.एस.एल नरसिंहन और मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी के साथ चर्चा कर पृथक तेलंगाना की विवादास्पद मांग के बारे में विचार-विमर्श की प्रक्रिया तेज कर दी. हालांकि, केंद्र ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बातों को खारिज कर दिया.

 

शनिवार सुबह नरसिंहन की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा गृह मंत्री पी. चिदंबरम से अलग-अलग मुलाकात हुई. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से मुलाकात करने के बाद नरसिंहन ने कहा, ‘राष्ट्रपति शासन लगाने का कोई सवाल ही नहीं उठता. वहां जनता द्वारा निर्वाचित सरकार है और वह अपना काम करेगी.’

 

स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद तथा किरण रेड्डी ने भी ऐसे ही विचार जाहिर किये. आजाद ने कहा, ‘राज्य में स्थिति इस ओर (राष्ट्रपति शासन की ओर) क्यों जानी चाहिये. ऐसा कोई सवाल ही नहीं उठता.’ मुख्यमंत्री रेड्डी ने भी सवाल किया, ‘राष्ट्रपति शासन क्यों लगेगा? ऐसा कैसे होगा? राष्ट्रपति शासन कब लगना चाहिये? उसके क्या मानदंड हैं?’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र इस संकट को सुलझाने के लिये उचित उपाय करेगा.

 

वरिष्ठ मंत्री प्रणव मुखर्जी, ए.के. एंटनी, पी. चिदंबरम और गुलाम नबी आजाद ने आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले अपने चार साथी केंद्रीय मंत्रियों से अलग-अलग मुलाकात कर सलाह-मशविरे की प्रक्रिया शुरू कर दी. यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने कांग्रेस के भीतर भी क्षेत्रीय आधार पर मतभेद पैदा कर दिये हैं.

 

पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी, आदिवासी मामलों के मंत्री किशोर चंद्र देव, कपड़ा राज्य मंत्री पनाबाका लक्ष्मी, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डी. पुरंदेश्वरी और रक्षा राज्य मंत्री एम.एम. पल्लम राजू ने इन वरिष्ठ मंत्रियों से बातचीत की और तेलंगाना के हालात के बारे में उन्हें अपने ‘बेबाक’ आकलन से अवगत कराया. मंत्रियों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बोस्ता सत्यनारायण और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डी.श्रीनिवास से भी मुलाकात की.

 

आजाद ने कहा कि कांग्रेस के भीतर सलाह-मशविरे की प्रक्रिया सोमवार को फिर शुरू होगी. इस प्रक्रिया में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा. उन्होंने कहा कि वह समय-सीमा नहीं बता सकते कि आखिर कब कांग्रेस के भीतर विचार-विमर्श खत्म होगा. रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने अपनी राय जाहिर कर दी है. मैंने कहा है कि आंध्र प्रदेश की जनता को संतुष्ट किया जाना चाहिये. जल्द ही एक सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जाएगा जो राज्य की जनता के लिये फायदेमंद होगा.’

 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र के नेता इस मुद्दे पर फैसला करेंगे. रेड्डी ने कहा, ‘तेलंगाना का मुद्दा लंबे समय से कायम है. लगातार हो रहे प्रदर्शनों के चलते अब यह सुखिर्यों में है. केंद्र नेताओं से बातचीत कर रहा है. मेरे विचार से वह जल्द से जल्द इसका समाधान निकालने का प्रयास करेगा.’ रेड्डी ने कहा कि फैसला सिर्फ केंद्र को करना है और वह कोई निर्णय बताने की स्थिति में नहीं हैं.

 

जयपाल रेड्डी ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने अपने सहयोगियों से मुलाकात की है और उन्हें आंध्र प्रदेश की स्थिति पर अपने आकलन से अवगत कराया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने बेबाकी से अपना आकलन बताया. मैं उसके विवरण मीडिया के साथ साझा नहीं कर सकता.’ (एजेंसी)

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