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नई दिल्ली : संप्रग-2 सरकार के चार साल पूरे होने पर इस सत्तारुढ़ गठबंधन की ओर से मनाए गए जश्न पर हैरानी जताते हुए भाजपा ने कहा कि सरकार ने देश को जिस कथित उदासी, निराशा और नकारात्मकता के माहौल में धकेल दिया है उसके लिए उसे खुशियां मनाने की बजाय मुल्क के माफी मांगनी चाहिए।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संप्रग-2 की उपलब्धि का पैमाना बस यही है कि इसने सत्ता में चार साल पूरे कर लिए। लेकिन इतिहास सत्ता में बने रहने के वर्षों के आधार पर अपना निर्णय नहीं देगा। देश को इस शासन ने जो क्षति पंहुचाई है उसके आधार पर वह बहुत कठोर फैसला देगा। किसी की पहचान उसकी लंबी उम्र से नहीं बल्कि इस बात से बनती है कि उसने क्या छाप छोड़ी।
जेटली ने कहा, इस सरकार की केवल एक उपलब्धि है कि सीबीआई के दुरुपयोग से इसने चार वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है, अन्यथा बाहर से समर्थन दे रहे सपा और बसपा जैसे दल इसे नहीं बचाते और आज यह सरकार नहीं होती। सीबीआई ही नहीं, इस सरकार ने हर संस्था के डायरेक्टर को मैनेज किया है।
नेता प्रतिपक्ष लोकसभा सुषमा स्वराज ने कहा कि संप्रग के नेतृत्व का मॉडल ही संरचनात्मक रूप से दोषपूर्ण है। इसमें शक्ति प्रधानमंत्री के पास नहीं है। शासन की शक्ति सरकार के बाहर बैठे संविधानेतर लोगों (सोनिया गांधी) के पास है। इससे यह शासन निर्णय लेने में अक्षम है।
उन्होंने कहा कि शासन की नीतियों में अंतिम शब्द संप्रग अध्यक्ष का होता है, प्रधानमंत्री का नहीं। भविष्य को लेकर भी कांग्रेस के कैडर कांग्रेस पार्टी के प्रथम परिवार के उत्तराधिकारी (राहुल गांधी) की ओर देखते हैं, प्रधानमंत्री की तरफ नहीं। (एजेंसी)