धरोहरों के संरक्षण में हाथ बटाएं निजी क्षेत्र : PM

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण में सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने के लिए आज निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया।

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण में सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने के लिए आज निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया। सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि धरोहरों के संरक्षण और उन्हें फिर से जीवंत बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं हो सकती।
हुमायूं के मकबरे का जीर्णोद्धार पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री ने स्मारकों के रखरखाव के काम में स्थानीय समुदाय को भी साथ लेने की जरूरत बतायी और कहा कि मकबरे में छह साल तक चला काम ‘दुनिया को संरक्षण का एक मॉडल प्रदान करता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमें सार्वजनिक-निजी साझेदारी का एक अच्छा मॉडल प्राप्त हुआ है। यह ऐसे ही तालमेल के लिए सरकार और नागरिक समाज को प्रोत्साहित करेगा।’ इस मौके पर आगा खान, केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के प्रमुख रतन टाटा ने प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा किया।
आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर ने 2007 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ मिलकर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किए गए हुमायूं के मकबरे की जीर्णोद्धार परियोजना की जिम्मेदारी संभाली थी। हुमायूं का मकबरा साल 1570 में बनकर तैयार हुआ था। छह साल तक चले मकबरे के जीर्णोद्धार के काम में 1000 से भी ज्यादा लोगों ने अपनी सेवाएं दी जिसमें उज्बेकिस्तान के भी लोग थे।
सिंह ने कहा कि इस परियोजना से कई लोगों को रोजगार मिला है। स्थानीय समुदायों के सहयोग को जरूरी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी परियोजनाओं से स्थानीय क्षेत्र का विकास होता है और पर्यावरण का भी संरक्षण होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्मारकों को संरक्षित करने और उनके जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी हमारे जैसे देश में सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं हो सकती।’
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा एवं साफ-सफाई में बेहतर हुई शहरी आधारभूत संरचना से पड़ोस के निजामुद्दीन इलाके के लोगों को मदद होगी। इस मौके पर आगा खान ने भी स्मारकों के जीर्णोद्धार कार्य में सार्वजनिक-निजी साझेदारी मॉडल का समर्थन किया और कहा कि अन्य परियोजनाओं के लिए भी इस मॉडल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
आगा खान ‘आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क’ के अध्यक्ष हैं। वह 1957 में शिया इमामी इस्माइली मुसलमानों के इमाम बने थे। केंद्रीय संस्कृति मंत्री कटोच ने कहा कि स्मारकों को गंदा करने और विकास के नाम पर उन्हें तोड़ने की प्रवृति से बचना होगा। परियोजना को सार्वजनिक-निजी साझेदारी में एक ‘नया अध्याय’ करार देते हुए कटोच ने कहा कि ट्रस्ट हैदराबाद में एक अन्य परियोजना की जिम्मेदारी ले रहा है। (एजेंसी)

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