नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती दो साल की बच्ची फलक मामले में इस सप्ताह की शुरुआत में गिरफ्तार एक वाहन चालक एवं एक दर्जी लम्बे समय से देह-व्यापार के धंधे में संलिप्त थे और उनका नेटवर्क कई शहरों में फैला था।
पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दक्षिण दिल्ली के बदरपुर निवासी चालक राणा कुमार गुप्ता (26) और दक्षिण दिल्ली के ही मोहम्मदपुर इलाके के एक गांव में रहने वाले दर्जी राहुल (24) को गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय चौधरी ने कहा, दोनों लम्बे समय से देह-व्यापार के धंधे में शामिल हैं। इन्होंने अन्य रैकेटों और देश भर में फैले उनके नेटवर्क के बारे में जानकारी दी है।
इन दोनों ने फलक को अस्पताल पहुंचाने वाली 14 वर्षीया किशोरी को देह-व्यापार में धकेला। इस कृत्य में गुप्ता की दूसरी पत्नी आरती भी शामिल थी।
पुलिस ने बताया कि वह फलक मामले की जांच मानव-तस्करी से जोड़कर भी कर रही है। उसने बताया कि नई गिरफ्तारियों की वजह से उसे ठोस ब्योरे हाथ लगे हैं।
गिरफ्तार लोगों में एक महिला जिसने फलक की जैविक माता को कथित रूप से दोबारा शादी के लिए मजबूर किया, वह फलक के भाई-बहन की गुमशुदगी के लिए जिम्मेदार है।
पुलिस के मुताबिक फलक की जैविक माता की पहचान मुन्नी खातून (22) के रूप में हुई है। पुलिस उसे राजस्थान के झुंझुनू जिले से रविवार को दिल्ली लेकर आई। उसके एक बच्चे का अभी पता नहीं चल सका है।
मुन्नी ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी एक अन्य पुरुष से करा दी गई लेकिन उसे अपने तीन बच्चों को साथ रखने की अनुमति नहीं दी गई।
मुन्नी के खुलासे पर पुलिस ने सोमवार को लक्ष्मी को गिरफ्तार किया। लक्ष्मी ने शादी के लिए मुन्नी के दूसरे पति से 2.7 लाख रुपये लिए थे। पुलिस ने बताया कि मुन्नी के दो अन्य बच्चों जिनमें एक लड़का और एक लड़की शामिल हैं, संदेह है कि लक्ष्मी ने उन्हें बेचने में मुख्य भूमिका निभाई है।
पुलिस ने एक अन्य व्यक्ति कांता चौधरी को भी गिरफ्तार किया है। माना जाता है कि चौधरी ने मुन्नी को अपने पहले पति मोहम्मद शाह हुसैन को छोड़ने के लिए भरोसे में लिया। मुन्नी मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली है। (एजेंसी)