सेना प्रमुखों को तलब करने पर मजिस्ट्रेट की खिंचाई
Advertisement
trendingNow153069

सेना प्रमुखों को तलब करने पर मजिस्ट्रेट की खिंचाई

दिल्ली की एक अदालत ने चेक बाउंस के एक मामले में बचाव पक्ष के गवाह के रूप में वायुसेना और सेना के प्रमुखों को सम्मन जारी करने पर एक मजिस्ट्रेट की खिंचाई की।

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने चेक बाउंस के एक मामले में बचाव पक्ष के गवाह के रूप में वायुसेना और सेना के प्रमुखों को सम्मन जारी करने पर एक मजिस्ट्रेट की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने बस तकनीकी आधार पर ऐसा किया और उन्होंने ‘दिमाग नहीं लगाया’।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर के गौबा ने वायुसेना के एक निजी चेक बाउंस मामले में सेना के दो अंगों (थल सेना एवं वायुसेना) के प्रमुखों को तलब किये जाने पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि बचाव पक्ष के जिस गवाह की पेशी जरूरी बतायी गयी है वह सेना मुख्यालय का महज एक अधिकारी हो सकता था , लेकिन यह बात समझ से परे है कि वायुसेना प्रमुख की पेशी के लिए सम्मन क्यों जारी किया गया।
अदालत ने कहा कि इसका भी कोई तुक नहीं है कि क्यों सेना प्रमुख को सम्मन जारी किया गया जबकि सेना मुख्यालय के पूर्व वायुसेना अधिकारी दिलावर सिंह के इस मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है। वैसे भी दिलावर सिंह वायुसेना के कर्मचारी रहे थे।
अदालत चेक बाउंस मामले में मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका की सुनवाई कर रही थी। दिलावर सिंह ने वीरपाल सिंह नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ 2003 में चेक बाउंस का मामला दर्ज किया गया था।
वीरपाल ने उन्हें अपने बचाव में गवाही का और मौका नहीं दिये जाने पर मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है। मजिस्ट्रेट के बार बार सम्मन जारी किये जाने पर भी गवाह नहीं पेश किए गए थे। सुनवाई में देरी करने को लेकर वीरपाल पर 20 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
दिलावर ने आरोप लगाया था कि वीरपाल ने उन्हें 15.05 लाख रूपए का जो चेक जारी किया था वह उनके खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होने पर बाउंस हो गया। वीरपाल ने ऐसा कोई चैक जारी किये जाने से इनकार किया।
मई, 2008 में वीरपाल ने अपने बचाव में गवाह पेश करने की मांग की और ‘‘अधिकारी.लिपिक, सेना प्रमुख, सेना मुख्यालय, सेना भवन’’ नाम से सम्मन जारी किए गए। इस सम्मन पर कोई भी गवाह पेश नहीं हुआ।
समीक्षा याचिका पर सुनवाई के दौरान वीरापाल ने कहा कि ‘रिकार्ड लिपिक, वायुसेना प्रमुख, वायुसेना मुख्यालय’ से वायुसेना से दिलावर की बख्रास्तगी के बारे में कुछ रिकार्ड पेश करने की उम्मीद की जा सकती है।
न्यायाधीश इस दलील से संतुष्ट नजर नहीं आए और कहा कि मजिस्ट्रेट ने प्रासंगिकता के सवाल पर दिमाग नहीं लगाया और इस तरह के मामले में, इस तरह का सवाल कि दिलावर सिंह ने क्यों वायुसेना की सेवा छोड़ दी, पूरी तरह अप्रासंगिक है। (एजेंसी)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news